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शुरुआत सन् 2006 में ब्रांडन बेक (Brandon Beck) और मार्क मेरिल (Marc Merrill) द्वारा की गई थी.
दुनिया भर में मशहूर वीडियो गेम निर्माता रायट गेम्स लिंगभेद (Riot Games Gender Discrimination Case) का मुकदमा निपटाने के लिए जहां पहले मात्र 75 करोड़ रुपए बतौर मुआवजा दिया जा रहा था. कंपनी को अब उससे कई सौ गुना ज्यादा रकम प्रभावित महिला कर्मचारियों को अदा करनी पड़ेगी. यह रकम प्रभावित दो हजार महिला कर्मचारियों को मिलेगी. इस बाबत कंपनी के खिलाफ पीड़ित महिलाओं ने सन् 2018 में मुकदमा दर्ज कराया था.
अब 75 करोड़ मुआवजा रकम से बढ़कर जो रकम कंपनी द्वारा अदा की जाएगी वो है करीब 10 करोड़ डॉलर यानी 750 करोड़ रुपए. इतनी भारी-भरकम मुआवजा अदा करने पर संबंधित कंपनी भी सहमत हो गई है. उल्लेखनीय है कि करीब 2000 वर्तमान और पूर्व महिला कर्मचारियों ने कंपनी के खिलाफ सन् 2018 में मुकदमा दायर किया था.
जिसके मुताबिक कंपनी द्वारा इन महिलाओं को मुआवजा के बतौर 75 करोड़ रुपए अदा किए जाने थे. कंपनी की इस बात पर मगर बाद में कर्मचारियों में सहमति नहीं बनी थी. जिन कर्मचारियों ने कंपनी द्वारा किए जा रहे उस समझौते में अडंगा लगा दिया, उनमें कैलिफोर्निया की दो महिला कर्मचारी एजेंसियां प्रमुख थीं. सन् 2018 तक इस कंपनी के दुनिया भर में 24 कार्यालय मौजूद थे.
महिला कर्मचारी एजेंसियों की भूमिका
जिनके दखल से कंपनी द्वारा 2000 पीड़ित महिला कर्मचारियों को दी जाने वाली मुआवजे की केवल 75 करोड़ राशि वाला समझौता रुकवाया था. दरअसल कैलिफोर्निया की उन दो महिला कर्मचारी एजेंसियों का पुराने वाले मुआवजा राशि के समझौते को न मानने के पीछे तर्क था कि, वो राशि बहुत कम है. जोकि किसी भी तरह से पीड़ित या प्रभावित महिला कर्मचारियों के हित में नहीं है. लिहाजा कंपनी प्रभावित महिलाओं को मुआवजा की धनराशि बढ़ाकर दे.
इसके चलते आखिरकार चीनी टेक दिग्गज टेंसेंट के मालिकाना हक वाली रायट गेम्स को बाद में उन महिला कंपनियों के सामने झुकना पड़ा. लिहाजा नवंबर 2014 से अब तक काम करने वाली कर्मचारियों को मुआवजे के रूप में 8 करोड़ डॉलर (भारतीय मुद्रा में करीब 600 करोड़ रुपए) और अटॉर्नी (कोर्ट खर्च) की फीस सहित अन्य खर्चों के लिए 2 करोड़ डॉलर (करीब 150 करोड़ रुपये) का भुगतान करेगी.
नौकरी-वेतन से जुड़े काम का ऑडिट
उधर दूसरी ओर इस मुद्दे पर संबंधित कंपनी रायट गेम्स ने कहा कि, "कंपनी का मानना है कि कार्य-स्थल व कर्मचारियों को लेकर अच्छे कदम उठाने चाहिए. इसमें कुछ भी बुरा नहीं है. कंपनी कर्मचारियों से है. न कि कर्मचारी कंपनी से. लिहाजा यह इस बढ़ी हुई मुआवजा राशि को अदा करने का सही वक्त है. यह महिला कर्मचारियों और कंपनी दोनो के ही हित की बात है." कंपनी ने आगे कहा, "इसके लिए वह अपने कर्मचारियों की सेलरी और नौकरी से जुड़े कार्यों में "लिंग समानता" का "थर्ड पार्टी विश्लेषण" (ऑडिट) भी जल्दी ही शुरू कराएगी. ताकि कंपनी-कर्मचारियों के बीच किसी तरह भी आईंदा भ्रम की कोई स्थिति पैदा न हो सके.
भेदभाव करने वाली कंपनियों को नसीहत
कैलिफोर्निया में निष्पक्ष रोजगार और आवास विभाग के निदेशक केविन किश ने भी इस विशेष फैसले अपनी त्वरित टिप्पणी दी. उनके मुताबिक, लॉस एंजिलिस सुपीरियर कोर्ट (Los Angeles Superior Court) द्वारा समझौते पर मुहर लगने के बाद, यह गेमिंग जगत समेत तमाम उद्योगों को समान वेतन और कार्यस्थल को लिंग भेद से मुक्त करने का सख्त संदेश देगा. यही होना भी चाहिए. यह फैसला अपने आप में मील का पत्थर साबित होगा. कर्मचारियों के हित का साबित हुआ है यह फैसला.
यहां बताना जरूरी है कि रायट गेम्स एक विडियो गेम्स निर्माता (Riot Games American video game developer, publisher and esports tournament organizer) मशहूर अमेरिकन कंपनी है. जिसका मुख्यालय अमेरिका के वेस्ट लॉस एंजिलिस, कैलीफोर्निया (West Los Angeles California) के सेंटा मोनिका (Santa Monica) में स्थित है. कंपनी की शुरुआत सन् 2006 में ब्रांडन बेक (Brandon Beck) और मार्क मेरिल (Marc Merrill) द्वारा की गई थी.
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