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दो विशालकाय ब्लैक होल टकराने के कगार पर, अंतरिक्ष के समय चक्र में आ सकता बदलाव

Subhi
4 March 2022 12:40 AM GMT
दो विशालकाय ब्लैक होल टकराने के कगार पर, अंतरिक्ष के समय चक्र में आ सकता बदलाव
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अंतरिक्ष आने वाले समय में दो विशालकाय ब्लैक होल टकराने के कगार पर हैं। इनकी टक्कर से अंतरिक्ष के समय चक्र में एक बड़े बदलाव की आशंका है। पीकेएस 2131-021 नामक ब्लैक होल धरती से करीब 900 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर हैं।

अंतरिक्ष आने वाले समय में दो विशालकाय ब्लैक होल टकराने के कगार पर हैं। इनकी टक्कर से अंतरिक्ष के समय चक्र में एक बड़े बदलाव की आशंका है। पीकेएस 2131-021 नामक ब्लैक होल धरती से करीब 900 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर हैं।

नासा के एक बयान के मुताबिक, दोनों लगातार पिछले 10 करोड़ वर्षों से एक-दूसरे की तरफ बढ़ते आ रहे हैं। अब ये दोनों एक बाइनरी ऑर्बिट में आ चुके हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक, दोनों एक दूसरे के चारों तरफ हर दो साल में एक चक्कर लगाते हैं। 'एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स' में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, 10 हजार वर्ष के बाद दोनों ब्लैक होल्स आपस में मिल जाएंगे। इनके टकराने से निकलने वाली गुरुत्वाकर्षण की लहरें अंतरिक्ष के समय चक्र को बदल सकती हैं।

महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने पहले ही अंतरिक्ष के समय में बदलाव की भविष्यवाणी कर दी थी। वैज्ञानिक भाषा में सुपरमैसिव कहे जाने वाले ब्लैक होल्स बेहद गहरे, घने और हमारे सूरज से करोड़ों गुना ज्यादा ताकतवर और बड़े होते हैं। ये आमतौर पर सभी आकाशगंगा के मध्य में पाए जाते हैं। हालांकि, अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के पास अभी ब्लैक होल के छोटे से बड़े होने का सटीक कारण नहीं है। लेकिन पीकेएस 2131-021 के अध्ययन के आधार पर इसका पता लगाया जा सकता है।

धरती की ओर फेंक रहा आवेषित कण

पीकेएस 2131-021 एक खास प्रकार का ब्लैक होल है इसे ब्लाजार कहते हैं। ऐसा ब्लैक होल है जो अत्यधिक आवेषित कणों की एक लहर सीधे धरती की ओर फेंक रहा है। इस जेट के पदार्थों का निर्माण गर्म गैस के बीच से होता है। जब ताकतवर गुरुत्वाकर्षण शक्ति की वजह से ये गैस अंतरिक्ष में बाहर निकलती है तो यह धारा का रूप बना लेती है। यानी गर्म प्लाज्मा की एक पतली किरण प्रकाश की गति से अंतरिक्ष में तैरती है।

साल 2019 में भी महसूस की गई थीं तरंगें

साल 2019 में वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांड में दूर कहीं से आईं गुरुत्वाकर्षण तरंगों का पता लगाया था। अनुमान था कि ये तरंगें दो सितारों की प्रणाली के विलय के कारण पैदा हुई होंगी। इसमें से एक सूरज से 23 गुना बड़ा ब्लैक होल रहा होगा और दूसरा 2.6 गुना बड़ा।

अरबों वर्ष पहले हुई थी टक्कर

अरबों वर्ष पहले दो ब्लैक होल आपस में टकराए थे। उस समय हमारे ब्रह्मांड की उम्र वर्तमान समय की तुलना में आधी थी। गुरुत्वाकर्षण लहरों की मदद से इसका पता चला था। इन दोनों के मिलने से जो ब्लैक होल पैदा हुआ उसका द्रव्यमान 150 सूरज के बराबर था।


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