
अमेरिका में भारतीय मूल के दो लोगों ने ऑनलाइन माध्यमों से लोगों से 12 लाख डॉलर (करीब 9.5 करोड़ रुपये) की धोखाधड़ी करने की साजिश रचने का दोष स्वीकार कर लिया है। अमेरिकी अटॉर्नी फिलिप आर. सेलिंगर ने बताया, अरुशोबाइक मित्रा (27) व गरबिता मित्रा (24) अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वाले एक गिरोह का हिस्सा थे।
इस गिरोह के सदस्य भारत स्थित कॉल सेंटर के माध्यम से अमेरिकी नागरिकों, खासकर बुजुर्गों को 'रोबोकॉल' (इंटरनेट के जरिए फोन करके) के जरिये निशाना बनाते थे। अटॉर्नी ने बताया, इंटरनेट से फोन करके लोगों से संपर्क कर गिरोह के सदस्य उन्हें प्रत्यक्ष अथवा 'वायर ट्रांसफर' (ऑनलाइन) से बड़ी रकम भेजने के लिए मजबूर करते थे।
अधिकारी बनकर देते थे धमकी
गिरोह के सदस्य खुद को अमेरिका के सामाजिक सुरक्षा प्रशासन, संघीय जांच एजेंसी (एफबीआई) जैसी एजेंसियों का सरकारी अधिकारी बताते और लोगों को उनकी बात नहीं मानने पर गंभीर कानूनी एवं आर्थिक परिणाम भुगतने की धमकी भी देते थे।
48 लोगों को बनाया निशाना
अरुशोबाइक मित्रा और गरबिता मित्रा ने कुल 48 लोगों को अपना निशाना बनाकर उन्हें 12 लाख अमेरिकी डॉलर (करीब 9.5 करोड़ रुपये) से अधिक का चूना लगाया था। इस मामले में दोनों को 20 साल की जेल और ढाई लाख डॉलर का जुर्माना लगाया जा सकता है।