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मानवाधिकारों का सम्मान एक समावेशी सरकार की स्थापना और आतंकवाद की निंदा अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा निर्धारित मान्यता के लिए पूर्व शर्त हैं।
अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत में सोमवार को भीषण ब्लास्ट हुआ है। इस बम विस्फोट में तालिबान के पांच सदस्यों सहित दो नागरिकों की मौत हो गई और 28 अन्य घायल हो गए। अफगानिस्तान के सरकारी टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार यह धमाका नंगरहार के घानी जिले के शिरगर बाजार में सुबह के दौरान हुआ।
विस्फोट का निशाना जिला स्वास्थ्य विभाग का मुखिया था। अज्ञात हमलावरों ने एक वाहन को निशाना बनाते हुए मैग्निटिक माइन का इस्तेमाल किया। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार अभी तक किसी ने विस्फोट की जिम्मेदारी नहीं ली है।
यह विस्फोट काबुल के एक सिख गुरुद्वारे में शनिवार को हुए बम विस्फोट के दो दिन बाद हुआ है। इसमें शनिवार को कम से कम दो नागरिकों की मौत हो गई थी और सात अन्य घायल हो गए थे।
इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) ने रविवार को काबुल में करते हुए गुरुद्वारा हमले की जिम्मेदारी ली है। ISKP ने एक बयान जारी कर हमले की जिम्मेदारी ली है।
तालिबान के शासन में अफगानिस्तान में बढ़ीं हिंसा
बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के बाद से विस्फोट और मानवीय हिंसा की घटनाएं बढ़ गईं हैं। विस्फोट और नियमित हमले मानवाधिकारों के उल्लंघन के साथ एक नियमित मामला बन गया है जिसमें नागरिकों की निरंतर हत्या, मस्जिदों और मंदिरों को नष्ट करना, महिलाओं पर हमला करना और क्षेत्र में आतंक को बढ़ावा देना शामिल है।
गौरतलब है कि तालिबान शासन में अफगानिस्तान अपने सबसे खराब मानवीय संकट का सामना कर रहा है, जिसमें आधी से अधिक आबादी को मानवीय सहायता की आवश्यकता है। देश में आठ मिलियन से अधिक लोग भूख से मर रहे हैं।
तालिबान अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त करने के लिए बेताब हैं, उन्हें बार-बार याद दिलाया जा रहा है कि महिलाओं और मानवाधिकारों का सम्मान एक समावेशी सरकार की स्थापना और आतंकवाद की निंदा अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा निर्धारित मान्यता के लिए पूर्व शर्त हैं।
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