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भारतीय मूल के दो अमेरिकी डॉक्टर रिश्वत देने के आरोपों का कर रहे सामना, अब देंगे 3.75 करोड़ डॉलर का जुर्माना

Rani Sahu
21 July 2021 12:43 PM GMT
भारतीय मूल के दो अमेरिकी डॉक्टर रिश्वत देने के आरोपों का कर रहे सामना, अब देंगे 3.75 करोड़ डॉलर का जुर्माना
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अब देंगे 3.75 करोड़ डॉलर का जुर्माना

भारतीय मूल के दो अमेरिकी डॉक्टर और अमेरिका (America) में सबसे बड़ी अस्पताल श्रृंखलाओं में शामिल 'प्राइम हेल्थकेयर सर्विसेज' मरीजों को रेफर करने के लिए रिश्वत (Bribe) देने के आरोपों के निपटारे के लिए करीब 3.75 करोड़ डॉलर देने पर राजी हो गए हैं. न्याय विभाग की ओर से बुधवार को इस बात की जानकारी दी गई.

विभाग ने बताया कि यह समझौता इन आरोपों पर किया गया है कि प्राइम हेल्थकेयर सर्विसेज ने कैलिफोर्निया के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. शिवा अरुणसलाम और उनके सर्जरी केंद्र को अधिक भुगतान किया क्योंकि कंपनी चाहती थी कि वह मरीजों को उसके कैलिफोर्निया स्थित डेजर्ट वैली अस्पताल में रेफर करें.
समझौते के तहत जुर्माने के तीन हिस्से
एक प्रेस रिलीज में मंगलवार को बताया गया कि अमेरिका और कैलिफोर्निया ने मरीजों को रेफर करने के लिए प्राइम द्वारा डॉ. अरुणसलाम को दी रिश्वत पर आधारित झूठे दावे अधिनियम और कैलिफोर्निया झूठे दावे अधिनियम के कथित उल्लंघनों के मामले को सुलझाने के लिए प्राइम हेल्थकेयर सर्विसेज के संस्थापक डॉ. प्रेम रेड्डी और डॉ. अरुणसलाम के साथ समझौता किया है.
न्याय विभाग ने कहा कि समझौते के तहत डॉ. अरुणसलाम 20 लाख डॉलर देंगे जबकि डॉ. रेड्डी 17 लाख डॉलर देंगे और प्राइम 3.37 करोड़ डॉलर का भुगतान करेगा. इससे पहले भारतीय मूल के अमेरिकी सर्जन जनरल डॉ. विवेक मूर्ति ने बीते शुक्रवार को बताया था कि कोविड-19 के कारण उन्होंने अमेरिका और भारत दोनों जगह अपने परिवार के 10 सदस्यों को खोया है.
भारतीय मूल के अमेरिकी सर्जन का दुख
अमेरिकी सर्जन जनरल के पद पर दूसरी बार काबिज होने वाले मूर्ति ने व्हाइट हाउस में संवाददाता सम्मेलन में लोगों से कोविड-19 रोधी वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) लगाने की अपील करते हुए यह बयान दिया. उन्होंने बयान ऐसे समय में दिया, जब अमेरिका में कई लोग वैक्सीन लगवाने से कतरा रहे हैं. मूर्ति ने कहा, 'निजी तौर पर, मेरे लिए यह जानना काफी दुखदायी है कि कोविड-19 से हो रही हर मौत जो हम अब देख रहे हैं, उनको रोका जा सकता था. मैं अपने परिवार के 10 सदस्य कोविड-19 के कारण खोने की वजह से ऐसा कह रहा हूं और हर दिन मैं यही सोचता हूं कि काश उन्हें वैक्सीन लगवाने का मौका मिला होता.'


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