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जो देश के दूसरे हिस्सों में बैन हैं. इसके पीछे की वजह पर्यटन को बढ़ावा देना बताया गया.
China War on Internet: 'हर चमकती चीज सोना नहीं होती'… ये लाइन आपने अपने जीवन में कई बार सुनी होगी. चीन भी काफी हद तक इस कहावत से इत्तेफाक रखता है. यहां के वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर दुनियाभर में बैठे उसके राजदूत तक, सोशल मीडिया पर कुछ यही दिखाने की कोशिश में हैं, कि चीन में मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं होता, वहां लोकतंत्र है, लोगों में गरीबी नहीं है, हर जगह विकास हो रहा है और उसपर लगने वाले सभी आरोप फर्जी हैं (Fake Propaganda). लेकिन जब इसकी पड़ताल की गई तो पता चला कि कैसे चीन दुनिया के दूसरे देशों में फूट डालने का काम कर रहा है, वहां के लोगों को लड़वा रहा है और अपनी खराब छवि को सुधारने की कोशिश में है.
इसके लिए ट्विटर का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहा है. लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा कहा गया है कि चीन में गरीबी भी है और मानवाधिकार भी नहीं हैं. मानवाधिकारों का उल्लंघन चीन में बड़े स्तर पर हो रहा है. यहां ट्विटर बैन है लेकिन लोग वीपीएन से ट्विटर का इस्तेमाल करने की कोशिश करते हैं. हालांकि ज्यादातर वीपीएन काम नहीं करते (China Twitter Ban). अगर किसी ने गलती से भी वीपीएन का इस्तेमाल कर लिया, तो उसे जेल की सजा होती है. खासतौर पर तिब्बत और शिंजियांग में रहने वाले लोगों को. वाशिंगटन पोस्ट की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि एक शख्स को ट्विटर इस्तेमाल करने पर 15 दिन की जेल की सजा हुई, दूसरे को पुलिस ने धमकाया, जबकि तीसरे से आठ घंटे तक चेन से बांधकर पूछताछ की गई. इन सबका अपराध केवल एक था, ट्विटर पर पोस्ट करना.
ऑनलाइन दुनिया पर पूरा नियंत्रण
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन में लोग सोशल मीडिया का भी ढंग से इस्तेमाल नहीं कर सकते. उनसे सवाल पूछे जाते हैं, हिरासत में लिया जाता है. सरकार का लोगों की ऑनलाइन दुनिया पर पूरा नियंत्रण है. चीन में फेसबुक और गूगल बैन हैं, लेकिन सरकार ने इन कंपनियों से कहा है कि अगर चीन का कोई शख्स कुछ पोस्ट करे, तो उसे डिलीट किया जाए (Internet Censorship in China). ऐसा ज्यादातर उन लोगों के साथ होता है, जो सरकार के खिलाफ अपनी आवाज उठाते हैं. एक सर्वे में पता चला कि चीन के लाखों लोग ट्विटर इस्तेमाल करते हैं. लेकिन जब सरकार ट्विटर इस्तेमाल करने वालों को गिरफ्तार कर रही है तो ये लाखों लोग आखिर कैसे इसका इस्तेमाल कर रहे हैं?
लोगों के जहन में कुछ सवाल उठना लाजमी हैं, पहला सवाल- अगर चीन में ट्विटर बैन है, तो सोशल मीडिया पर मौजूद चीनी अकाउंट किसके हैं, वो कहीं वुमाओ तो नहीं? दूसरा सवाल- चीन ने पर्यटन के नाम पर केवल हैनान प्रांत में इंटरनेट की अनुमित क्यों दी? हैनान में फेसबुक और ट्विटर भी इस्तेमाल होते हैं, तो कहीं इसके पीछे चीन की कोई चाल तो नहीं? ये सवाल उस गुत्थी की तरह हैं, जिसे सुलझाना बेहद अहम है. साल 2018 की साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की खबर के अनुसार, चीन ने हैनान में सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब के इस्तेमाल की अनुमति दी है. जो देश के दूसरे हिस्सों में बैन हैं. इसके पीछे की वजह पर्यटन को बढ़ावा देना बताया गया.
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