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इस युद्ध के बाद दुनियाभर की सेनाएं दुश्मनों के खिलाफ युद्ध के लिए ड्रोन आर्मी को तैनात कर रही हैं।
तुर्की ने दुनिया के पहले लेजर से लैस ड्रोन का सफल परीक्षण किया है। इस ड्रोन में लगा लेजर आधे किलोमीटर की दूरी तक निशाना लगाने में सक्षम है। एरेन नाम से इस ड्रोन को तुर्की की रक्षा कंपनियों तुबीटक (Tubitak) और एसिसगॉर्ड (Asisguard) ने विकसित किया है। यह ड्रोन अधिकतम 3000 मीटर की ऊंचाई तक उड़ान भरने में सक्षम है।
आधे किलोमीटर दूर से किया हमला
Dünyanın ilk lazer silahlı dronu 'Eren'
— Abdullah Çiftçi (@abdullahciftcib) December 10, 2021
Yerli ve milli üretim dünyanın ilk lazer silahlı dronu Eren, 500, 300 ve 100 metreden başarılı atışlar gerçekleştirdi. Test aşamaları süren Eren, daha sonra envantere alınacak. pic.twitter.com/UdnrKWG3R6
तुर्की के राजनेता अयकुत एर्दोगडु ने अनादोलु समाचार एजेंसी को बताया कि टेस्ट के दौरान इस ड्रोन से 500 [1,600 फीट], 300 और 100 मीटर की दूरी से सफल शॉट दागे गए। एरेन ड्रोन को लेजर हथियारों के उपयोग से एक निश्चित दूरी से बम और गोला-बारूद जैसे विस्फोटक उपकरणों को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले दिनों में इस ड्रोन का निर्यात भी किया जा सकता है।रक्षा विशेषज्ञ अब्दुल्ला सिफ्टी ने ट्विटर पर ड्रोन की तस्वीर साझा की है।
छोटी लड़ाईयों में घातक हथियार साबित हो रहे ड्रोन
पिछले कई साल में छोटे-मोटे क्षेत्रीय संघर्ष में ड्रोन्स के इस्तेमाल ने अपनी उपयोगिता को बखूबी साबित किया है। इसलिए, आज के जमाने में ड्रोन को युद्धक्षेत्र के नए रणनीतिक और प्रभावशाली हथियार के रूप में देखा जा रहा है। आर्मीनिया-अजरबैजान युद्ध के दौरान भी ड्रोन्स का भरपूर इस्तेमाल देखने को मिला था। युद्ध में ड्रोन के इस्तेमाल और प्रभाव को देख अमेरिका और रूस तक हैरान थे। इस युद्ध के बाद दुनियाभर की सेनाएं दुश्मनों के खिलाफ युद्ध के लिए ड्रोन आर्मी को तैनात कर रही हैं।
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