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यह मुद्दा तुर्की के लिए उतना ही महत्वपूर्ण था जितना कि पाकिस्तान के लिए।
कोरोना वायरस महामारी की भीषण लहर से जूझ रहे भारत को तुर्की ने मदद भेजी है। बुधवार को तुर्की का सैन्य विमान इस मदद को लेकर नई दिल्ली पहुंचा। कश्मीर को पाकिस्तान का बताने वाले तुर्की की भारत को मदद संदेह भी पैदा कर रही है। दरअसल, तुर्की के तानाशाह राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोगन संयुक्त राष्ट्र में भी कई बार कश्मीर का मुद्दा उठा चुके हैं। यही कारण है कि पिछले एक दशक से भारत और तुर्की के बीच के संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं। कहा तो यहां तक जाता है कि इसी कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजतक तुर्की का दौरा नहीं किया है।
तुर्की ने भारत को गिफ्ट की ये चिकित्सीय समाग्रियां
तुर्की के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए टर्किश सैन्य विमान ने कई चिकित्सीय उपकरण भारत को भेजा है। इसमें द्वारा तैयार 630 ऑक्सीजन ट्यूब, पांच ऑक्सीजन जनरेटर, 50 वेंटिलेटर और टैबलेट मेडिसिन शामिल हैं। इन उपकरणों को तुर्की रेड क्रिसेंट सोसाइटी और तुर्की के स्वास्थ्य मंत्रालय के सहयोग से भेजा गया है।
एर्दोगन के आदेश पर भेजी गई सहायता
Appreciate this gesture of solidarity from the Government of Turkey. pic.twitter.com/YXhEKXN6g5
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) May 26, 2021
तुर्की के सहायता उपकरणों वाले बक्सों के ऊपर १३वीं शताब्दी की कवि मेवलाना रूमी के शब्द 'निराशा के बाद आशा और अंधेरे के बाद कई सूरज' लिखा हुआ था। तुर्की रेड क्रिसेंट के प्रमुख इब्राहिम अल्तान ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन के आदेश पर स्वास्थ्य और रक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर तुर्की के विदेश मंत्रालय की मदद से भारत को सहायता भेजी है।
भारत ने तुर्की को दिया धन्यवाद
इधर भारत ने भी तुर्की का धन्यवाद जताया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर लिखा कि आज आने वाली चिकित्सा आपूर्ति की खेप के लिए टर्किश रेड क्रिसेंट सोसाइटी को धन्यवाद। दूसरे ट्वीट में लिखा कि तुर्की सरकार की ओर से एकजुटता के इस भाव की सराहना करते हैं।
आंख बंद कर एक दूसरे का समर्थन करते हैं तुर्की-पाकिस्तान
तुर्की और पाकिस्तान केवल रक्षा संबंधों में ही नहीं, बल्कि कूटनीतिक स्तर पर भी एक दूसरे का आंख बंदकर समर्थन करते हैं। हाल में ही जब ग्रीस के साथ भूमध्य सागर में सीमा विवाद हुआ तो पाकिस्तान ने बिना सच्चाई जाने खुलेआम तुर्की के पक्ष में समर्थन का ऐलान किया था। इतना ही नहीं, भूमध्य सागर में पाकिस्तान और तुर्की की नौसेनाओं ने युद्धाभ्यास कर एकजुटता का ऐलान भी किया। इसके बदले में तुर्की कश्मीर के मामले में पाकिस्तान का खुला समर्थन करता है। तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन तो इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र के मंच पर भी उठा चुके हैं। एर्दोगन ने फरवरी 2020 में कहा कि यह मुद्दा तुर्की के लिए उतना ही महत्वपूर्ण था जितना कि पाकिस्तान के लिए।
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