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फ्रांस और ग्रीक के बीच हुए एक रणनीतिक समझौते को लेकर तुर्की खासा खफा, बताया क्षेत्र की सुरक्षा को खतरा

Neha Dani
4 Oct 2021 10:39 AM GMT
फ्रांस और ग्रीक के बीच हुए एक रणनीतिक समझौते को लेकर तुर्की खासा खफा, बताया क्षेत्र की सुरक्षा को खतरा
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इस दौरान ही दोनों देशों के बीच हर क्षेत्र में आपसी सहयोग को बढ़ाने पर भी सहमति हुई थी।

फ्रांस और ग्रीक के बीच हुए एक रणनीतिक समझौते को लेकर तुर्की खासा खफा है। तुर्की ने दोनों देशों के बीच हुई इस डील को क्षेत्र की सुरक्षा के लिए खतरा करार दिया है। इस समझौते के तहत किसी अन्‍य देश द्वारा हमला किए जाने की सूरत में दूसरा देश तुरंत सैन्‍य मदद भेजेगा। वहीं, इस समझौते के बाद ग्रीस फ्रांस से तीन बेलहारा युद्धपोत भी खरीदेगा। इन तीनों का निर्माण फ्रांस ने ही किया है। इनकी एक खास बात ये है कि ये बेहद एडवांस्‍ड और पावरफुल हैं। इस तरह के जहाज ग्रीस के पास नहीं हैं।

फ्रांस इन तीनों जहाजों को 2025 तक ग्रीस को सौंप देगा। इसके अलावा ग्रीस के पास चौथा जहाज खरीदने का भी एक विकल्‍प और होगा। आपको बता दें कि बेलहारा युद्धपोत एयर डिफेंस सिस्‍टम से युक्‍त हैं। इसके अलावा इनमें एंटी सबमरीन वारफेयर तकनीक भी लगी है और लंबी दूरी से ही अपने एयर टार्गेट को मार गिराने की भी काबलियत इन जहाजों में उपलब्‍ध है। इन जहाजों के होने से ग्रीस की ताकत काफी बढ़ जाएगी।
इस डील पर दोनों देशों की तरफ से पेरिस में हस्‍ताक्षर किए गए हैं। वहीं, इस डील पर प्रतिक्रिया देते हुए तुर्की ने इसकी कड़ी आलोचना की है। तुर्की के विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता तंजू बिल्‍गीककंडेम्‍ड का कहना है कि इन जहाजों के आने के बाद ग्रीस समुद्र में अपनी सीमाओं को बढ़ाने के लिए आक्रामक रुख इख्तियार कर सकता है। उन्‍होंने ये भी आरोप लगाया है कि इस समझौते को कर के ग्रीस ने अंतरराष्‍ट्रीय नियमों की अवहेलना भी की है।
उन्‍होंने कहा कि ग्रीस को लगता है कि इस समझौते को कर वो तुर्की को नुकसान पहुंचाने में सफल हो जाएगा।लेकिन, ऐसा नहीं होगा।
ग्रीस और फ्रांस के इस समझौते के बाद तुर्की अपनी क्षमताओं को लेकर और विश्‍वास से भर गया है। वो अपनी समुद्री सीमाओं की रक्षा करने के पूरी तरह से काबिल है। आपको बता दें कि ग्रीस और फ्रांस के बीच हुए इस समझौते से पहले कई बार दोनों देशों के राष्‍ट्राध्‍यक्षों में रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने को लेकर कई बार बात हुई थी। इस दौरान ही दोनों देशों के बीच हर क्षेत्र में आपसी सहयोग को बढ़ाने पर भी सहमति हुई थी।


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