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राष्ट्रपति एर्दोगन ने वार्ता के लिए तालिबान के नेता से मुलाकात का प्रस्ताव भी दिया।
ईरान से लगती सीमा पर तुर्की की ओर से दीवार का निर्माण हो रहा है। दरअसल तुर्की अपनी सीमा में अफगानिस्तान के शरणार्थियों को प्रवेश नहीं देना चाहता है। ईरान की सीमा पर बनने वाली यह दीवार 295 किमी लंबी है। पहले से ही लाखों सीरियाई शरणार्थी यहां रह रहे हैं।
अफगानिस्तान में तुर्की के सैंकड़ों सैनिक तैनात हैं। उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद काबुल इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सिक्योरिटी के लिए तुर्की ने पेशकश की है। राष्ट्रपति एर्दोगन ने वार्ता के लिए तालिबान के नेता से मुलाकात का प्रस्ताव भी दिया।
VIDEO: Turkey is building a wall along its border with Iran to prevent a new influx of refugees, mainly from Afghanistan as the Taliban take over the country.
— AFP News Agency (@AFP) August 17, 2021
For now, a 5km section is under construction but Turkey is aiming to build a 295km-long wall on its Iranian border pic.twitter.com/YJAZgUOEGa
अफगानिस्तान में तालिबान की बढ़ती हिंसा के बावजूद काबुल एयरपोर्ट के संचालन के लिए तुर्की तैयार है। इसने कहा है कि विदेशी सैनिकों के अफगानिस्तान से हटने के बाद काबुल इंटरनेशनल एयरपोर्ट की रखवाली करेगा। तुर्की के अधिकारियों ने पहले ही कहा था कि वे तालिबान की बढ़ते कब्जे की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
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