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अमेरिकी प्रशासन का मानना है कि इससे अमेरिका में इजरायल के लिए जनमत में थोड़ा बदलाव आया है.
इजराइल और फलस्तीन के बीच हिंसा (Israel-Palestine Conflict) लगातार जारी है. इस बीच तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोग़ान (Turkish President Tayyip Erdogan) ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन पर करारा हमला किया है. उन्होंने कहा है कि इज़राइल का साथ देने वाले बाइडन के हाथ खून से सने हैं. बता दें कि पिछले कुछ दिनों से एर्दोग़ान दुनिया के तमाम नेताओं से इज़राइल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने मौजूदा संघर्ष को लेकर अमेरिका और ऑस्ट्रिया की सीधे तौर पर कड़ी आलोचना की है.
समाचार एजेंसी रॉटर्स के मुताबिक राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोग़ान ने एक कैबिनेट बैठक के दौरान बाइडन पर जम कर निशाना साधा. उन्होंने इज़ाइल को हथियार बेचने को लेकर अमेरिका की आलोचना की. बता दें कि सोमवार को अमेरिकी सरकार ने इज़राइल को 735 मिलियन डॉलर हथियार बेचने को मंजूरी दी है. एर्दोग़ान ने कहा, 'आपने मुझे ये कहने के लिए बाध्य किया है कि आप अपने खूनी हाथों से इतिहास लिख रहे हैं. गाज़ा में हमले के दौरान सैकड़ों और हज़ारों की संख्या में लोग शहीद हो रहे हैं.'
मस्जिद-ए-अक़्सा की तरफ़ बढ़ते हुए हाथों को तोड़ देंगे
एर्दोग़ान ने इसके बाद ऑस्ट्रिया पर निशाना साथ. उन्होंने राजधानी वियाना में इज़राइल के झंडे पहराने को लेकर नाराजगी जताई. बता दें कि इजराइल के क़ब्ज़े वाले पूर्वी यरुशलम स्थित मस्जिद अक़्सा से शुरू हुआ संघर्ष दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. पाकिस्तान के एक अखबार के मुताबिक एर्दोग़ान ने कहा है कि मस्जिद-ए-अक़्सा की तरफ़ बढ़ते हुए हाथों को तोड़ दिए जाएंगे. उन्होंने कहा, 'अगर पूरी दुनिया भी ख़ामोश हो जाए तो भी तुर्की अपनी आवाज़ उठाता रहेगा. मैंने सीरियाई सीमा के पास जिस तरह दहशतगर्दों का रास्ता रोका, उसी तरह मस्जिद-ए-अक़्सा की तरफ बढ़ते हुए हाथों को भी तोड़ देंगे.'
क्या खत्म होंगी लड़ाई?
इस बीच खबर है कि इजरायल और हमास के बीच जारी संघर्ष को रोकने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उनका प्रशासन 'पर्दे के पीछे' कोशिश कर रहा है. इजरायल द्वारा गज़ा स्थित कुछ समाचार संस्थाओं की बिल्डिंग को निशाना बनाने के बाद अमेरिका पर दबाव बढ़ गया है. सूत्र ने कहा कि बाइडन प्रशासन ने इमारत पर की गई स्ट्राइक को बड़ी रणनीतिक गलती माना है. अमेरिकी प्रशासन का मानना है कि इससे अमेरिका में इजरायल के लिए जनमत में थोड़ा बदलाव आया है.
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