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Iraq में शरणार्थी शिविर पर तुर्की ने किए बम विस्फोट, राष्ट्रपति एर्दोआन ने दी थी ये धमकी

Gulabi
5 Jun 2021 1:54 PM GMT
Iraq में शरणार्थी शिविर पर तुर्की ने किए बम विस्फोट, राष्ट्रपति एर्दोआन ने दी थी ये धमकी
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Turkey Bombs Refugee Camp

Turkey Bombs Refugee Camp: तुर्की ने इराक के एक शरणार्थी शिविर पर बम हमले कर दिए हैं (Turkey Bombs Iraq Refugee Camp). जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई है. इस बात की जानकारी समाचार एजेंसी एएफपी ने कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) के हवाले से दी है. एजेंसी के अनुसार, ये वही शिविर है, जिसका सफाया करने की बात कुछ दिन पहले राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन (President Recep Tayyip Erdogan) ने कही थी. इराक के मखमौर शरणार्थी शिविर (Makhmour Camp) पर शनिवार को हमला हुआ है.

इराकी कुर्दिश समाचार एजेंसी Rudaw की प्राथमिक रिपोर्ट में तीन लोगों की मौत की पुष्टि की गई है. एजेंसी ने कुर्दिश पेशमेगा फोर्स के कमांडर सिरवान बरजानी के हवाले से ये पुष्टि की है (Erdogan on Refugee Camp). इससे पहले Rudaw ने मखमौर शिविर में रहने वाले एक व्यक्ति से बात की थी. जिसने कहा था कि हमले में एक शख्स की मौत हो गई है और एक अन्य घायल हुआ है. वहीं एर्गोआन ने मंगलवार को कहा था कि उत्तरी इराक में स्थित मखमौर शरणार्थी शिविर पीकेके के लिए एक सुरक्षित आश्रय स्थल है.
एर्दोआन ने क्या कहा था?
इस शिविर का संचालन संयुक्त राष्ट्र (United Nations) द्वारा किया जा रहा है. यह तुर्की से आए करीब 12 हजार कुर्दिश शरणार्थियों का घर है. एर्दोआन ने इसे 'आतंकियों का घोंसला' कहा था. उन्होंने धमकी भरे लहजे में कहा था, 'अगर यूएन इसका सफाया नहीं करता है, तो हम यूएन का सदस्य होने के नाते ऐसा करेंगे. इस बारे में हमें और कितने दिन तक धैर्य रखना पड़ेगा?' तुर्की ने अप्रैल महीने में ही पीकेके के खिलाफ अभियान की शुरुआत की थी.
पीकेके के सदस्यों पर हमले
पीकेके के खिलाफ चलाए जा रहे हवाई और जमीनी ऑपरेशंस को ऑपरेशन क्लॉ-लाइटनिंग (Operation Claw-Lightning) और ऑपरेशन क्लॉ-थंडरबोल्ट (Operation Claw-Thunderbolt) कोडनेम दिए गए हैं. इससे पहले तुर्की ने साल 2020 के जून महीने में भी मखमौर शरणार्थी शिविर पर हमला कर दिया था. वह लगातार उत्तरी इराक में रहने वाले संदिग्ध पीकेके के सदस्यों को निशाना बनाता रहा है. इन लोगों पर ड्रोन के माध्यम से भी हमले किए जाते हैं. बता दें पीकेके कुर्दों का सबसे बड़ा संगठन है, जो विचारधारा से मार्कसवादी माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि तुर्की से लगी सीमा पर कुर्दों का बड़ा हिस्सा है.


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