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अमेरिकी संसद में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ लाए गए महाभियोग पर सुनवाई चल रही है।
अमेरिकी संसद में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ लाए गए महाभियोग पर सुनवाई चल रही है। ट्रंप के वकीलों की टीम आक्रामक तरीके से पूर्व राष्ट्रपति के बचाव में जुटी हुई है। वकीलों ने ट्रंप को घेरने वाले डेमाक्रेट्स को पाखंडी और बदले पर उतारू जमात तक करार देने से गुरेज नहीं किया। वकीलों का साफ कहना है कि महाभियोग की कार्यवाही राजनीति से प्रेरित और बदले की भावना से की जा रही है। इसका कोई आधार नहीं है। ट्रंप ने भीड़ को भड़काया नहीं था। उन पर यह आरोप सुनियोजित और बड़े साजिश का हिस्सा है।
ट्रंप के वकीलों को दिए गए 16 घंटे
बता दें कि कैपिटल यानी संसद परिसर पर गत छह जनवरी को ट्रंप समर्थकों ने हमला किया था। सीनेट में इस आरोप को आधार बनाकर ट्रंप पर महाभियोग चलाया जा रहा है कि उन्होंने हमले के लिए भीड़ को उकसाया था। ट्रंप टीम के वकीलों में ब्रूस कास्टर, डेविड स्कोन और माइकल वैन शामिल हैं। इन वकीलों को ट्रंप के बचाव में अपनी दलीलें रखने के लिए 16 घंटे दिए गए हैं।
ट्रंप के खिलाफ साक्ष्यों का अभाव
कास्टर ने शुक्रवार को कहा कि ट्रंप के खिलाफ साक्ष्यों का अभाव है। उन्होंने कहा, 'इसका मकसद अपने एक राजनीतिक विरोधी को खत्म करने का है।' जबकि माइकल ने भीड़ को भड़काने के आरोप को झूठा करार दिया। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन की बात कही थी, लेकिन इसे उकसावे से जोड़कर प्रस्तुत किया गया। पूर्व राष्ट्रपति कानून पालन के प्रबल समर्थक हैं। वकीलों ने महाभियोग लाने वाले डेमोक्रेट्स सांसदों को साक्ष्य के तौर पर ट्रंप के वीडियो संदेश और ट्वीट भी दिखाए।
डेमोक्रेट्स रख चुके हैं अपना पक्ष
सीनेट में महाभियोग पर सुनवाई बुधवार से चल रही है। पहले राष्ट्रपति जो बाइडन की डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों ने अपना पक्ष रखा। इसके लिए उन्हें भी 16 घंटे दिए गए थे। उनकी दलीलें गुरुवार को पूरी हुई। जेमी रस्किन की अगुआई में डेमोक्रेट्स सांसदों ने सदन में अपनी दलीलें रखी थीं और साक्ष्य के तौर पर खुफिया कैमरे के फुटेज दिखाए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रंप ने जानबूझकर भीड़ को भड़काया था।
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