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यही वजह है कि रिपब्लिकन पार्टी ने ट्रंप के साथ अपने रिश्ते और मजबूत कर लिए हैं.
डोनाल्ड ट्रंप ने 2016 में रिपब्लिक पार्टी (Republican Party) की नेशनल कमेटी (आरएनसी) में राष्ट्रपति पद की दौड़ में सभी दावेदारों को पीछे छोड़ते हुए अपनी पार्टी के नेताओं को हैरान कर दिया था. वहीं 2020 में पार्टी को रिपब्लिकन अध्यक्ष के रूप में उनका समर्थन करने के लिए बाध्य किया गया था (US President Elections). हालांकि, 2024 में रिपब्लिकन पार्टी के पास एक विकल्प है. आरएनसी पर अब फिर से पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप (Former US President Donald Trump) का समर्थन करने का कोई दायित्व नहीं है. पार्टी के नियमों के हिसाब से तटस्थता की आवश्यकता होती है, अगर एक से अधिक उम्मीदवार पार्टी के राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन चाहते हैं.
साल 2018 से नेवादा का प्रतिनिधित्व करने वालीं आरएनसी की सदस्य मिशेल फियोर ने कहा, 'अगर ट्रंप तय करते हैं कि वह मुकाबले में उतरेंगे तो आरएनसी को उन्हें शत-प्रतिशत समर्थन देना चाहिए (Trump's Current Position). हम पार्टी के उपनियमों को बदल सकते हैं. ट्रंप के प्रति वफादारी फिर से याद दिलाती है कि अमेरिका का प्रमुख राजनीतिक दल देश के लोकतांत्रिक सिद्धांतों को कमजोर करने वाले व्यक्ति के साथ अपने रिश्ते को गहरा कर रहा है. हाल में ट्रंप ने कहा था कि तत्कालीन उपराष्ट्रपति माइक पेंस चुनाव परिणाम को पलट सकते थे.
माइक पेंस ने ट्रंप को गलत बताया
हालांकि, पेंस ने ट्रंप के उन दावों का खंडन किया है कि वह 2020 के चुनाव के नतीजों को पलट सकते थे. उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति 'गलत' कह रहे हैं कि चुनाव नतीजों को बदला जा सकता था. शुक्रवार को फ्लोरिडा में 'कंजर्वेटिव फेडरलिस्ट सोसाइटी' की एक सभा को संबोधित करते हुए, पेंस ने कहा, 'पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप गलत हैं. मुझे चुनाव नतीजों को पलटने का कोई अधिकार नहीं था.' साल 2024 में होने वाले चुनाव से पहले आरएनसी में ट्रंप के प्रति बढ़ती वफादारी पिछले चुनावों में पार्टी के रुख से निश्चित तौर पर अलग है.
चुनावों में धोखाधड़ी का लगाया आरोप
अमेरिका में साल 2020 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप को हार मिली थी. जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जो बाइडेन ने जीत दर्ज की थी. तब ट्रंप ने लगातार चुनाव में धोखाधड़ी का आरोप लगाया (US President Elections). उन्होंने कई अदालतों का दरवाजा भी खटखटाया. लेकिन सभी जगह से उन्हें निराशा हाथ लगी. इस बीच 6 जनवरी को देश की संसद यानी कैपिटल हिल पर ट्रंप समर्थकों ने धावा बोल दिया. जिसमें बड़ी संख्या में लोग घायल हुए और कई की मौत भी हो गई. इस घटना के बाद ट्रंप की खुद की पार्टी के लोग उनसे खफा हो गए थे. उनपर महाभियोग भी चलाया गया. लेकिन इन सबसे बावजूद भी ट्रंप के समर्थकों में कमी देखने को नहीं मिली. यही वजह है कि रिपब्लिकन पार्टी ने ट्रंप के साथ अपने रिश्ते और मजबूत कर लिए हैं.
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