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पेरिस आतंकी हमले के 20 के खिलाफ सुनवाई शुरू, कोर्ट में आरोपित ने कहा- 'मैं इस्लामिक स्टेट का सैनिक'

Kunti Dhruw
8 Sep 2021 7:04 PM GMT
पेरिस आतंकी हमले के 20 के खिलाफ सुनवाई शुरू, कोर्ट में आरोपित ने कहा- मैं इस्लामिक स्टेट का सैनिक
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फ्रांस की राजधानी स्थित 13वीं सदी के कोर्ट रूम में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) के पेरिस में किए 2015 के आतंकी हमले के बीस आरोपितों के खिलाफ बुधवार को सुनवाई शुरू हो गई है।

पेरिस, फ्रांस की राजधानी स्थित 13वीं सदी के कोर्ट रूम में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) के पेरिस में किए 2015 के आतंकी हमले के बीस आरोपितों के खिलाफ बुधवार को सुनवाई शुरू हो गई है। आरोपितों में से एक आइएस आतंकी ने सुनवाई में खुद को इस्लामिक स्टेट का सैनिक बताया है। आतंकी संगठन आइएस के हमले में 130 लोग मारे गए थे और सैकड़ों घायल हुए थे।

अदालत में बोला मैं इस्लामिक स्टेट का सिपाही
इन आरोपितों में से एक मोरक्कन मूल के फ्रेंच नागरिक सलाह अब्देसलाम ने अदालत में काले लिबास में पेश होकर कहा कि वह इस्लामिक स्टेट का सिपाही है। फ्रांस के नेशनल साकर स्टेडियम, बाटाक्लैन कांसर्ट हाल और छह रेस्त्रां व बार में आत्मघाती हमले में शामिल बीस आरोपितों में से एक अब्देसलाम (31) से सुनवाई की शुरुआत में उसका पेशा पूछा गया। जवाब में उसने कहा कि उसने इस्लामिक स्टेट का सैनिक बनने के लिए नौकरी छोड़ दी थी।
सुनवाई के दौरान 1800 गवाह मौजूद
उसने कहा कि अल्लाह के अलावा दूसरा कोई ईश्वर नहीं है और मुहम्मद उनके सेवक हैं। उस रात के आतंकी हमले में अकेले जीवित बचे इस आतंकी अब्देसलाम को कोर्ट रूम में कांच के बंद कमरे में सबसे पहले पेश किया गया। सुनवाई के दौरान 1800 गवाह और 300 से अधिक वकील भी मौजूद रहे। सुनवाई करीब एक घंटे की देरी से शुरू हुई लेकिन इसकी वजह सार्वजनिक नहीं की गई है।जीवित बचे अब्देसलाम पर ही हत्या का आरोप
उस रात के आतंकी हमलावरों में से अकेले जीवित बचे अब्देसलाम पर ही हत्या का आरोप है। बीस आरोपितों में से छह मौजूद नहीं हैं, जिन पर मुकदमा चल रहा है। अब्देसलाम ने उत्तरी पेरिस में अपनी रेंटल कार छोड़ दी थी और अपने घर ब्रुसेल्स भागने से पहले आत्मघाती हमले को साजिश के अनुरूप अंजाम नहीं दे पाया था।
पीड़‍ित भी आडियो लिंक के जरिये जुड़ेउसने अभी तक हमले के संबंध में जांचकर्ताओं को कुछ भी नहीं बताया है लेकिन वह जानता है कि हमले की साजिश किसकी थी। पहली बार पीडि़त भी हमले की सुनवाई को एक सुरक्षित आडियो लिंक के जरिये अपने घरों में बैठकर सुन रहे हैं। यह सुनवाई पिछले नौ महीनों से निर्धारित है।
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