विश्व
ट्रेडोस: अगले 10 हफ्ते में ओमिक्रोन वैरिएंट के सामने आने के बाद से कोविड के मामले बढ़े
Renuka Sahu
2 Feb 2022 12:51 AM GMT
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फाइल फोटो
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ट्रेडोस अढानम घेब्रेयेसस ने कहा है कि 10 हफ्ते पहले ओमिक्रोन वैरिएंट के सामने आने के बाद से कोविड के नौ करोड़ मामले बढ़ गए हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख ट्रेडोस अढानम घेब्रेयेसस ने कहा है कि 10 हफ्ते पहले ओमिक्रोन वैरिएंट के सामने आने के बाद से कोविड के नौ करोड़ मामले बढ़ गए हैं। ये मामले 2020 में मिले कोविड के कुल मामलों से भी ज्यादा हैं। ट्रेडोस ने कहा कि कई देशों ने कोरोना पाबंदियों में ढील दे दी है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि ओमिक्रोन को हल्के में नहीं लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना के पहले के वैरिएंट के तुलना में भले ही ओमिक्रोन कम गंभीर बीमारी पैदा करता है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में इसकी वजह से ज्यादा मौतें हुई हैं।
डब्ल्यूएचओ की नियमित प्रेस कांफ्रेंस में ट्रेडोस ने कहा कि कुछ देशों में ऐसी धारणा बन गई है कि ओमिक्रोन अत्यधिक संक्रामक और कम गंभीर है, इसलिए इसके प्रसार को लंबे समय तक रोकना संभव नहीं है और न ही इसकी जरूरत ही है। उन्होंने कहा कि यह धारण गलत है। यह वायरस खतरनाक है और यह हमारे आंखों के सामने ही विकसित होता रहता है।
ओमिक्रोन को हल्की बीमारी समझना गलत: WHO प्रमुख
ओमिक्रोन वैरिएंट को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस अढानम घेब्रेयेसस ने एक फिर चेताया है। उन्होंने कहा है कि हाल फिलहाल विश्व को कोरोना महामारी से मुक्ति नहीं मिलने वाली और ओमिक्रोन को हल्की बीमारी समझने की भूल करना भी खतरनाक है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि कोरोना के दूसरे वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रोन कम गंभीर हो सकता है, लेकिन इसे हल्की बीमारी मानने की अवधारणा
टेड्रोस ने कहा कि उन्हें पहले से ही बदहाल स्थिति में पहुंच गई विश्व की स्वास्थ्य व्यवस्था के ओमिक्रोन के चलते और भी बदतर होने की चिंता सता रही है। उन्होंने कहा कि कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों की संख्या ज्यादा है। ओमिक्रोन बहुत तेजी से फैल रहा है ऐसे में कमजोर प्रतिरक्षा वाले भी उसकी चपेट में आएंगे और मौतें बढ़ेंगी।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि ओमिक्रोन समेत कोरोना का हर वैरिएंट खतरनाक है और गंभीर बीमारी, मौतों और नए वैरिएंट के उभरने का कारण बन सकता है। इससे इस महामारी से लड़ने की हमारी सारी व्यवस्था और हथियार धरे के धरे रह जाएंगे।
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