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धरती की ताकत से चलेगी ट्रेनें, जाने कैसे?

jantaserishta.com
20 March 2022 3:43 PM GMT
धरती की ताकत से चलेगी ट्रेनें, जाने कैसे?
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क: अगर आपने ट्रेन में सफर किया है, तो आपको पता होगा कि वो बिजली, डीजल या कोयले से चलती हैं. शुरुआत में ट्रेनें कोयले से चलती थीं, फिर डीजल से चलने वाली ट्रेनें आईं. लेकिन आजकल ज्यादातर ट्रेनें बिजली से चलती हैं. दुनियाभर में कई एडवांस टेक्नोलॉजी वाली ट्रेनें आ गई हैं. जो तूफान की स्पीड में सफर करती हैं. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि अब ऐसी ट्रेन बनने जा रही है, जो डीजल या बिजली से नहीं बल्कि धरती की ताकत से चलेगी. सबसे कमाल की बात ये ट्रेन सफर के दौरान खुद से चार्ज होगी.

डेली मेल में छपी एक खबर के मुताबिक, ऑस्‍ट्रेलिया (Australia) में ऐसी अलग तरह की ट्रेन चलाने के लिए तैयारी शुरू हो गई है. इस ट्रेन का नाम है इनफिनिटी (Infinity Train). इसे ऑस्‍ट्रेलिया की खनन कंपनी फोर्टेस्क्यू (Fortescue) तैयार करने जा रही है. आईएफएल साइंस की रिपोर्ट कहती है, इस ट्रेन से प्रदूषण कम होगा, इस तरह ऑस्‍ट्रेलिया अपने जीरो एमिशन के लक्ष्‍य की तरफ बढ़ेगा.
दरअसल यह ट्रेन गुरुत्वाकर्षण के दम पर चलेगी. खास बात यह है कि ऐसी ट्रेनों को चलने से प्रदूषण कम होगा इसके अलावा ट्रेन की रीफ्यूलिंग की कोई जरूरत नहीं होगी. यह विशेष ट्रेन एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाते समय अपने आप चार्ज हो जाएगी यानी जब तक ट्रेन चलती रहेंगी तबतक ट्रेन की ऊर्जा कभी समाप्त नहीं होगी.
ट्रेन में बैकअप के लिए बैटरी होगी, जो चार्ज होती रहेगी और ऊर्जा बचाएगी. इस बैटरी की ऊर्जा कभी खत्म नहीं होगी. इस बैटरी को चार्ज करने के लिए धरती की गुरुत्वाकर्षण शक्ति की सबसे ज्यादा जरूरत होगी. इस प्रोजेक्ट के जरिए जीरो एमिशन और कम खर्च में माल ढुलाई का अच्छा विकल्प तैयार करना है.
इस ट्रेन की मदद से लौह अयस्क को कम कीमत में एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया जा सकेगा. जब 244 बोगियों वाली ट्रेन में 34,404 टन लौह अयस्क भरा होगा और ट्रेन इसे उताकर वापस खाली लौटेगी तो इसे गुरुत्वाकर्षण शक्ति से चार्ज किया जा सकेगा.
फोर्टेस्क्यू की सीईओ एलिजाबेथ गेन्स के मुताबिक इनफिनिटी ट्रेन दुनिया की सबसे बेहतरीन, ताकतवर और सामर्थ्यवान इलेक्ट्रिक ट्रेन होगी. इससे डीजल का इस्तेमाल बंद हो जाएगा. कई मॉडर्न कारों में भी रीजेनेरेटिव ब्रेकिंग होती है, जिससे ब्रेक लगाने पर घर्षण से ऊर्जा पैदा होती है, इसी तकनीक को अब ट्रेन के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.
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