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उसने धमकी देते हुए कहा था कि पाकिस्तान तालिबान सबको सबक सिखाएगा.
पाकिस्तान (Pakistan) के क्रूर ईशनिंदा कानून (Blasphemy Law) की इन दिनों दुनियाभर में चर्चा हो रही है. हाल ही में एक श्रीलंकाई नागरिक की कथित ईशनिंदा मामले में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. व्यक्ति की हत्या के बाद कट्टरपंथियों ने उसके शव को आग के हवाले कर दिया. इसे लेकर प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के नेतृत्व वाली सरकार की दुनियाभर में आलोचना की गई. वहीं, अब पाकिस्तान से एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जो ईशनिंदा के मामले में पाकिस्तान के हिंसक और अराजक चेहरे को उजागर करता है. ये वीडियो इस्लामाबाद की लाल मस्जिद का बताया गया है.
Students of Red Mosque Islamabad practising how to behead a person accused of blasphemy. Pakistan's "kamyab jawan" (successful youth) project proceeding rather well. pic.twitter.com/fgZXXgL9bO
— Gul Bukhari (@GulBukhari) December 9, 2021
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि युवा छात्राओं को सिखाया जा रहा है कि अगर कोई धर्म का अपमान करता है तो उस व्यक्ति का सिर कैसे काटना है. वीडियो के बैकग्राउंड में कट्टरपंथी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) का नारा भी लाउडस्पीकर पर बज रहा है. ये वही नारा है, जिसे TLP के समर्थक सियालकोट में श्रीलंकाई फैक्ट्री मैनेजर प्रियंता कुमारा दियावदाना की पीट-पीटकर हत्या करने और शव को जलाने के दौरान लगा रहे थे. हाल ही में पाकिस्तान सरकार और TLP के बीच शांति समझौता हुआ था. इस समझौते से पहले TLP ने पाकिस्तान में जमकर उत्पात मचाया था.
पाकिस्तान का 'कामयाब जवान' पर कसा गया तंज
इस वीडियो को पाकिस्तानी पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता गुल बुखारी (Gul Bukhari) ने ट्वीट किया है. उन्होंने दावा किया, इस्लामाबाद में लाल मस्जिद के छात्र ईशनिंदा के आरोपी व्यक्ति का सिर काटने की प्रैक्टिस कर रहे हैं. पाकिस्तान का 'कामयाब जवान' (सक्सेसफुल यूथ) प्रोजेक्ट अच्छी तरह से आगे बढ़ रहा है. वीडियो में सैकड़ों लड़कियां और महिलाएं धार्मिक परिधानों में नजर आ रही हैं. लड़कियों के सामने महिलाएं तलवार से पुतले का सिर काटती नजर आ रही हैं. 'कामयाब जवान' पाकिस्तान सरकार की एक योजना है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह युवाओं के लिए शिक्षा, रोजगार और जुड़ाव को बढ़ावा देती है.
इमरान ने लाल मस्जिद के मौलाना के आगे टेके घुटने
वहीं, इस वीडियो के सामने आने से तीन महीने पहले भी लाल मस्जिद चर्चा में आ गई थी. दरअसल, प्रधानमंत्री इमरान खान ने तेजतर्रार मौलवी मौलाना अब्दुल अजीज के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था और उसे राजधानी इस्लामाबाद के केंद्र में स्थित लाल मस्जिद के ऊपर तालिबान के झंडे को फहराने की अनुमति दी थी. एक वीडियो में लाल मस्जिद के मौलवी मौलाना अब्दुल अजीज को एक कलाश्निकोव के साथ देखा गया था और वो पाकिस्तानी सेना को तालिबान का झंडा हटाने पर परिणाम भुगतने की धमकी दे रहा था. उसने धमकी देते हुए कहा था कि पाकिस्तान तालिबान सबको सबक सिखाएगा.
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