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ट्रैफिक जाम केवल भारत में ही नहीं अंतरिक्ष में भी होता है। Elon-Musk ने इसे साबित कर दिया। इसलिए चीन ने की U.N में Elon के खिलाफ शिकायत.

Shiv Samad
30 Dec 2021 1:01 PM GMT
ट्रैफिक जाम केवल भारत में ही नहीं अंतरिक्ष में भी होता है।  Elon-Musk ने इसे साबित कर दिया। इसलिए चीन ने की U.N में Elon के खिलाफ शिकायत.
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हाल ही में चीन ने मशहूर उद्योगपति Elon Musk के खिलाफ United Nations में एक शिकायत की है. जिसमें उसने कहा है कि Elon Musk की कंपनी बड़ी संख्या में Satellites लॉन्च कर रही है और ये Satellites चीन के स्पेस स्टेशन से टकराते-टकराते बचे हैं. आपने जमीन पर तो ट्रैफिक जाम के बारे में सुना होगा लेकिन अब अंतरिक्ष में Satellites की बढ़ती संख्या के बाद वहां पर भी ट्रैफिक जाम की स्थिति पैदा हो गई है. आज हम आपको भविष्य के अंतरिक्ष के बारे में बताने जा रहे हैं.

दुनिया की दो बड़ी ताकतों के बीच है है लड़ाई

ये लड़ाई दुनिया की दो बड़ी ताकतों के बीच है. एक दुनिया का सबसे अमीर व्यक्ति है और दूसरा एक देश है, जो खुद को दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति के रूप में देखता है. United Nations को अपनी शिकायत में चीन ने कहा है कि इस साल पृथ्वी के वायु मंडल में ऐसा दो बार हुआ, जब Elon Musk की Space कंपनी के दो Satellites उसके Space Station से टकराते-टकराते बच गए. यानी चीन के स्पेस स्टेशन और इन Satellites के बीच टक्कर होने वाली थी. लेकिन आखिरी समय पर चीन ने अपने स्पेस स्टेशन को मूव कर लिया और अंतरिक्ष में कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई.

Elon Musk की हो रही है आलोचना

चीन के मुताबिक इनमें पहली घटना 1 जुलाई और दूसरी घटना 21 अक्टूबर को हुई. अब चीन की इस शिकायत के बाद दुनियाभर में Elon Musk की आलोचना हो रही है और लोग ये कह रहे हैं कि उनकी कंपनी गैर जिम्मेदार तरीके से अंतरिक्ष में काम कर रही है. चीन ने भी अपनी शिकायत में लगभग यही बात लिखी है. चीन ने UN से कहा है कि वो Elon Musk को Outer Space Treaty के बारे में बताएं और इसका पालन करने के लिए मजबूर करें.

संयुक्त राष्ट्र ने बनाई थी संधि

आपको बता दें, ये संधि पृथ्वी के वायु मंडल में दुनिया का पहला Satellite लॉन्च होने के पूरे 10 साल बाद साल 1967 में हुई थी. सोवियत संघ ने पहली बार साल 1957 में ये Satellite लॉन्च किया था और इसी के 10 साल बाद संयुक्त राष्ट्र ने कुछ देशों के साथ मिल कर ये संधि बनाई, ताकि कोई भी देश अपने अंतरिक्ष कार्यक्रमों से दुनिया को नुकसान ना पहुंचाए. लेकिन सच ये है कि आज 54 साल के बाद इस संधि का एक कागज के टुकड़े से ज्यादा महत्व नहीं रह गया. वो इसलिए क्योंकि 54 साल पहले पृथ्वी के वायु मंडल में 50 से भी कम Satellites मौजूद थे.

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