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तिब्बती बौद्ध समुदाय ही उनके उत्तराधिकार पर फैसला कर सकता है।
अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों ने राष्ट्रपति जो बाइडन और तिब्बती आध्यात्मिक धर्मगुरु दलाई लामा के बीच बैठक की अपील की है। उनका कहना है कि तिब्बत को लेकर अमेरिकी कानूनों को पूरी तरह से लागू किया जाना चाहिए और तिब्बत को चीन का हिस्सा कहने की प्रथा खत्म हो जानी चाहिए। अमेरिकी कांग्रेस के 60 से ज्यादा सदस्यों ने इस पर सहमति जताते हुए सीनेट में यह बात कही है।
अंडर सेक्रेटरी आफ स्टेट उजरा जेया को लिखे गए पत्र से यह स्पष्ट है कि कांग्रेस अब तिब्बत के मसले पर ध्यान केंद्रित कर रही है। एक ऐतिहासिक रूप से स्वतंत्र देश जिस पर चीनी सरकार ने 60 से अधिक वर्षों से क्रूरता से कब्जा किया हुआ है। विदेश विभाग में तिब्बती मुद्दों के लिए विशेष समन्वयक के रूप में जेया की नियुक्ति जल्द ही होने की उम्मीद है।
तिब्बत के लिए अभियान चलाने वाले समूहों के पत्र में लिखा गया है, ये पत्र तिब्बत में चीन के उत्पीड़न को संबोधित करने के लिए अगले विशेष समन्वयक के लिए एक महत्वपूर्ण ढांचा प्रदान करते हैं। साथ ही यह स्पष्ट करते हैं कि कांग्रेस को उम्मीद है कि बाइडन प्रशासन तिब्बती लोगों का समर्थन करने के लिए जल्द और सार्थक रूप से कार्य करेगा।
जेया वर्तमान समय में नागरिक सुरक्षा, लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए राज्य के अंदर सेक्रेटरी के तौर पर काम करती हैं। बता दें कि साल 2002 के तिब्बती नीति अधिनियम में स्पेशल कोआर्डिनेटर की नियुक्ति अनिवार्य है। पत्र में प्रशासन से दलाई लामा और केंद्रीय तिब्बती प्रशासन से जुड़ने की अपील की गई है। इसके अलावा दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर चीन की दखलअंदाजी के विरोध की भी मांग की गई है।
बता दें कि चीनी सरकार 86 वर्षीय दलाई लामा के लिए अपना उत्तराधिकारी नियुक्त करने की योजना बना रही है। वहीं, 2020 की तिब्बती नीति और समर्थन अधिनियम में कहा गया है कि सिर्फ दलाई लामा और तिब्बती बौद्ध समुदाय ही उनके उत्तराधिकार पर फैसला कर सकता है।
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