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अब तक कोरोना संक्रमण के पाच लाख से अधिक मामले और कोविड-19 से 8,000 मौतें दर्ज की गई हैं.
कोरोना महामारी के बीच पवित्र मक्का में शनिवार को हज की शुरुआत हो गई. महामारी के दौर में यह दूसरी हज यात्रा है. शनिवार को जायरीनों का एक जत्था मक्का पहुंचा. सोमवार यानी आज हज का तीसरा दिन है. इस बार महामारी को देखते हुए हाजी को कई तरह के सख्त नियमों का पालन करना पड़ रहा है. हज के दौरान अनिवार्य रूप से फेस मास्क पहनना होगा और सोशल डिस्टेंसिंग का सख्त पालन करना होगा. हालांकि इस बार पिछले साल की तुलना में अकीदतमंद की संख्या कुछ बढ़ी है लेकिन अन्य सालों के मुकाबले यह संख्या बहुत कम है. इस बार सऊदी अरब ने 60 हज़ार लोगों को हज पर आने की अनुमति दी है. इनमें भी सिर्फ सऊदी नागरिक को ही यह अनुमति है.
वैक्सीन की दोनों खुराक लेने वालों को ही अनुमति इस बार हज यात्रा में वो 60 हज़ार स्थानीय लोग शामिल हो पाये हैं जिन्हें कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज़ लग चुकी हैं. इसके अलावा एक ऑनलाइन पूल के माध्यम से 55,000 आवेदकों में से कुछ लोगों को चुना गया है. हज करने वालों के लिए यह अनिवार्य शर्त रखी गई थी कि उन्हें कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज़ लगी होनी चाहिए. इसके साथ ही हज करने वालों की आयु 18 से 65 साल के बीच रखी गई. साथ ही ये भी शर्त थी कि उन्हें कोई पुरानी बीमारी ना हो.
तीन घंटे में 6 हजार लोग ही अनुष्ठान कर सकते हैं हज मंत्रालय ने कहा है कि इस साल की हज यात्रा को महामारी को ध्यान में रखते हुए आयोजित किया गया है जिसके लिए उच्चतम स्तर की सावधानियां बरती जा रही हैं. मंत्रालय के मुताबिक हर तीन घंटे में 6,000 लोग तवाफ करने के लिए प्रवेश करते हैं. प्रत्येक समूह के जाने के बाद सैनेटाइज़ेशन किया जाता है. अधिकारियों ने ये भी बताया कि तीर्थयात्रियों को 20 के समूहों में विभाजित किया गया है, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन किया जा सके. श्रद्धालु तवाफ करने के लिए मक्का की बड़ी मस्जिद की यात्रा करते हैं, जहां वो काबा के चारों ओर चक्कर लगाते हैं. इस्लाम में पृथ्वी पर इस स्थान को सबसे पवित्र बिंदु के रूप में माना जाता है. हज करने वाले इसके सात चक्कर लगाते हैं. इसके बाद वे आसपास के दूसरे पवित्र स्थलों की पांच दिवसीय तीर्थयात्रा करते हैं.
हज का महत्व
हज आमतौर पर दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक अनुष्ठानों में से एक है. साल 2019 में क़रीब 25 लाख लोगों ने हज यात्रा में हिस्सा लिया था. हज करना इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है. प्रत्येक मुसलमान के लिए अपने जीवन में कम से कम एक बार ऐसा करने को उनका दायित्व माना जाता है. ऐसा अनुमान है कि जुलाई 2020 में केवल दस हज़ार सऊदी लोगों ने ही हज यात्रा में हिस्सा लिया था. सऊदी अरब में अब तक कोरोना संक्रमण के पाच लाख से अधिक मामले और कोविड-19 से 8,000 मौतें दर्ज की गई हैं.
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