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दुनिया को अब यूक्रेन के अन्य क्षेत्रों पर बड़े हमले के लिए तैयार रहना चाहिए.
रूस और यूक्रेन का युद्ध 35 दिन बाद भी जारी है. हालांकि मंगलवार को तुर्की से इस युद्ध को लेकर राहत की खबर आई. दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने शांति वार्ता में काफी लंबी बातचीत की. इसके बाद रूस ने कीव और उत्तरी यूक्रेन के चर्नीहीव में सैन्य हमले कम करने पर सहमति जताई. इस कदम को सकारात्मक रूप में देखा जा रहा है औऱ जल्द ही सीजफायर होने की उम्मीद जताई जा रही है.
दोनों देश के राष्ट्रपति भी कर सकते हैं मुलाकात
तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में 28 से 30 मार्च तक दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच शांति वार्ता होनी है. इस वार्ता के दूसरे दिन यानी मंगलवार को जहां रूस ने सैन्य हमले कम करने का भरोसा दिया, वहीं इस बैठक के बाद जल्द ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन औऱ यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के भी आपस में मिलकर बात करने के संकेत मिले.
अमेरिका को नहीं है भरोसा
शांति वार्ता के बाद जहां एक तरफ रूस ने सैन्य हमले कम करने का वादा किया है, तो वहीं दूसरी ओर अमेरिका को इस पर भरोसा नहीं हो रहा है. अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किरब्यो ने कहा कि क्रेमलिन के हालिया दावे से किसी को भी इस बात पर भरोसा नहीं हो रहा कि वह अचानक कीव के पास सैन्य हमलों को कम कर देगा या अपनी पूरी सेनाओं को वापस ले लेगा. उन्होंने कहा कि 'हमें लगता है कि कीव के आसपास से बहुत कम संख्या में रूसी सेनाएं निकली हैं.' इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि 'हमारा मानना है कि यह एक रिपोजिशनिंग है, वास्तविक वापसी नहीं है, और दुनिया को अब यूक्रेन के अन्य क्षेत्रों पर बड़े हमले के लिए तैयार रहना चाहिए.
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