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आज बिलावल भुट्टो चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ करेंगे बातचीत, आर्थिक सहयोग पर होगी चर्चा

Subhi
22 May 2022 12:49 AM GMT
आज बिलावल भुट्टो चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ करेंगे बातचीत, आर्थिक सहयोग पर होगी चर्चा
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चीन के स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी के विशेष न्योते पर पाकिस्तान के नए विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी अपने दो दिवसीय चीनी दौरे पर शनिवार देर रात ग्वांगझाउ पहुंच गए हैं।

चीन के स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी के विशेष न्योते पर पाकिस्तान के नए विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी अपने दो दिवसीय (21 और 22 मई) चीनी दौरे पर शनिवार देर रात ग्वांगझाउ पहुंच गए हैं। भुट्टो पाक और चीन के बीच सदाबहार संबंधों को मजबूत करने के लिए अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ रविवार को व्यापक बातचीत करेंगे। इस दौरान वह द्विपक्षीय संबंधों की सभी पहलुओं की समीक्षा करेंगे और विशेषतौर पर दोनों देशों के बीच व्यापार और आर्थिक सहयोग मजबूत करने पर जोर देंगे।

चीन पहुंचने पर बिलावल ने ट्वीट कर कहा कि "मैं अपनी पहली द्विपक्षीय यात्रा पर ग्वांगझाउ पहुंचा। आज पाकिस्तान और चीन के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 71वीं वर्षगांठ भी है। पाकिस्तान-चीन संबंधों पर गहन चर्चा के लिए चीनी स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी से मिलने के लिए उत्सुक हूं।"

पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने बताया कि पिछले महीने पद संभालने के बाद बिलावल की यह पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा है। बिलावल भुट्टों अभी न्यूयॉर्क से वापस आए हैं। न्यूयॉर्क में उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन के साथ संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में "ग्लोबल फूड सिक्युरिटी कॉल टू एक्शन'' पर मंत्रिस्तरी बैठक में मुलाकात की थी और दोनों देशों के बीच आर्थिक एवं वाणिज्यिक संबंधों के साथ-साथ क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति को मजबूत करने पर चर्चा की थी।

ब्लिंकेन के साथ बातचीत के बाद मीडिया को दिए अपने साक्षात्कार में बिलावल ने इस बात से इनकार किया कि अमेरिका के साथ पाकिस्तान के बढ़ते संबंध बीजिंग के साथ उसके संबंधों को नुकसान पहुंचाएंगे। भुट्टो चीनी नेतृत्व के साथ शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली नई सरकार के बीच पहला सीधा संपर्क स्थापित करने के लिए रविवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ व्यापक विचार-विमर्श करने वाले हैं।

सूत्रों के मुताबिक, दोनों विदेश मंत्रियों के बीच रविवार को चीन के दक्षिणी शहर ग्वांगझाउ में बातचीत होगी क्योंकि बीजिंग में कोविड-19 के तेजी से फैलने वाले ओमिक्रॉन वेरिएंट को रोकने के लिए अर्ध-लॉकडाउन लगा हुआ है। विदेश विभाग ने बताया कि इस दौरान विदेश राज्यमंत्री हिना रब्बानी खार और वरिष्ठ अधिकारी भी मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे। बयान में कहा गया कि दोनों नेता समग्र द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करेंगे और विशेष तौर पर चीन-पाकिस्तान के बीच मजबूत व्यापारिक एवं आर्थिक सहयोग पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

विदेश कार्यालय ने कहा, ''परिवर्तनकारी चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) में तेज प्रगति, राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वकांक्षी योजना बेल्ट ऐंड रोड इनिशिएटिव पर भी इस दौरान चर्चा होगी।'' बयान में कहा गया है कि ''दोनों पक्ष अहम क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का विस्तृत आदान-प्रदान करेंगे।''

बिलावल की यात्रा से पहले, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने शनिवार को पाकिस्तान और चीन को उनके राजनयिक संबंधों की स्थापना की 71वीं वर्षगांठ पर बधाई दी। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के मुताबिक, बिलावल की इस यात्रा से पाकिस्तान और चीन के बीच समय की कसौटी पर परखे गए रणनीतिक सहयोग को और मजबूत करने, सीपीईसी संबंधी पहल को गति देने और द्विपक्षीय सहयोग के नए आयामों की पहचान करने में मदद मिलेगी ताकि दोनों दोनों देशों के लोगों को इनका लाभ मिल सके।

वहीं दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 71वीं वर्षगांठ पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को बधाई देते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान और चीन ''दो भाई'' हैं, जिन्होंने गत वर्षों के दौरान परस्पर मित्रता के सदाबहार वृक्ष का पोषण किया है।

शरीफ ने इस अवसर पर अपने संदेश में, दोनों देशों के उन नेताओं और लोगों को भी धन्यवाद कहा , जिन्होंने इस बेजोड़ मित्रता को एक सहकारी रणनीतिक साझेदारी और एक मजबूत बंधन में बदलने का प्रयास किया। उन्होंने कहा, ''चीन और पाकिस्तान दो भाइयों के नाम हैं। दोनों देशों के नेतृत्व और लोगों ने पिछले 71 वर्षों में मित्रता के इस सदाबहार पेड़ को पोषित किया है।''

शरीफ ने कहा कि कोई भी अप्रिय घटना, वैश्विक राजनीति में कोई तूफान या ईर्ष्या इस मजबूत बंधन को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकती। उन्होंने कहा कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि क्षेत्र के अन्य देशों के लिए भी आर्थिक सहयोग, गरीबी उन्मूलन और सम्पर्क के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करता है।

महत्वाकांक्षी सीपीईसी 60 अरब डॉलर की परियोजना है। यह 3,000 किलोमीटर लंबा गलियारा है जो चीन के उत्तर पश्चिमी शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र और पाकिस्तान के पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह को जोड़ता है। सीपीईसी को लेकर भारत ने चीन के सामने विरोध जताया है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजरता है।


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