विश्व
चीन से निपटने के लिए जाबान 12 देशों को फाइटर जेट करेगा निर्यात, अब 'ड्रैगन' की गर्दन दबाने की तैयारी
Rounak Dey
29 May 2022 5:15 AM GMT
x
ऑस्ट्रेलिया और भारत वह देश हैं जो एशिया में चीन के बढ़ते सैन्य प्रभाव को लेकर चिंतित हैं और सीधे प्रभावित होते हैं।
टोक्यो: जापान चीन को सबक सिखाने के लिए बड़ा कदम उठाने वाला है। जापान सरकार भारत-ऑस्ट्रेलिया समेत कुछ यूरोपीय और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों सहित 12 देशों को फाइटर जेट, मिसाइल समेत अन्य हथियारों को निर्यात करने की योजना बना रहा है। अगले मार्च तक निर्यात से जुड़े रेगुलेटरी में बदलाव हो सकते हैं। सरकार उन देशों के जरिए चीन के खिलाफ प्रतिरोध बढ़ाना चाहती है, जिन्होंने जापान के साथ व्यक्तिगत सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
इन देशों में वियतनाम, थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, फ्रांस और इटली शामिल हैं। 2014 में जापान ने रक्षा उपकरणों के हस्तांतरण से जुड़ा एक सिद्धांत बनाया और आयात के नियमों में ढील दी। लेकिन अभी घातक हथियारों पर निर्यात प्रतिबंध हैं।
जापान सिद्धांतों में करेगा बदलाव
सिद्धांत के मुताबिक जो देश जापान के साथ मिलकर हथियार नहीं विकसित करते उन्हें बचाव, परिवहन, चेतावनी, निगरानी और माइनस्वीपिंग मिशन के सीमित उपकरण ही निर्यात किए जाएंगे। हालांकि आर्थिक और राजकोषीय प्रबंधन और सुधार पर सरकार की नीति को ढील में शामिल किया जाएगा। जून तक इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। इस साल के अंत तक राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति के तैयार होने पर सिद्धांतों को संशोधित किया जाएगा।
japan airएशिया में संकट का खतरा बढ़ा
जापान अमेरिका और ब्रिटेन के साथ मिलकर नए फाइटर जेट और मध्यम दूरी के एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल विकसित करने की योजना बना रहा है। फरवरी में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद से ही एशिया में भी सुरक्षा वातावरण लगातार गंभीर होता जा रहा है। जापान का मानना है कि पड़ोसी देशों को जापनी हथियार देने से समान विचारधारा वाले देशों के साथ सुरक्षा सहयोग गहरा होगा। जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत वह देश हैं जो एशिया में चीन के बढ़ते सैन्य प्रभाव को लेकर चिंतित हैं और सीधे प्रभावित होते हैं।
Next Story