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पाकिस्तान में टीवी चैनलों पर शिकंजा कसा, सेना और न्यायपालिका के खिलाफ सामग्री प्रसारित करने पर दी गई चेतावनी

Neha Dani
17 May 2022 5:35 AM GMT
पाकिस्तान में टीवी चैनलों पर शिकंजा कसा, सेना और न्यायपालिका के खिलाफ सामग्री प्रसारित करने पर दी गई चेतावनी
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पाकिस्तानी अखबार डान की रिपोर्ट के अनुसार, तीन दिवसीय बैठक के समापन सत्र में इन मांगों को स्वीकार किया गया है।

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में टीवी चैनलों पर शिकंजा कस दिया गया है। पाकिस्तान इलेक्ट्रानिक मीडिया रेगुलेटरी अथारिटी (PEMRA) ने देश के सशस्त्र बलों और न्यायपालिका के खिलाफ टीवी चैनलों को सामग्री प्रसारित करने पर चेतावनी दे दी है। साथ ही पीइएमआरए ने कहा है कि निजी इलेक्ट्रानिक मीडिया द्वारा किसी भी उल्लंघन के मामले में संबंधित कानूनों के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

PEMRA ने कहा
एक प्रेस बयान में PEMRA ने कहा कि टीवी चैनल लाइसेंसधारियों को इस तथ्य के प्रति संवेदनशील बनाया गया है कि राज्य संस्थानों, विशेष रूप से न्यायपालिका और सशस्त्र बलों का उपहास करना, उनके कानूनों और सुपीरियर कोर्ट के विभिन्न निर्णयों के खिलाफ है। आपको बता दें कि पिछले कुछ समय से पीइएमआरए लगातार इलेक्ट्रानिक मीडिया से बार-बार यह आग्रह कर रहा था कि कि वे किसी भी राज्य संस्थान के खिलाफ निंदनीय अभियान / सामग्री प्रसारित करने से बचें। क्योंकि इस तरह का प्रचार-प्रसार देश की छवि धूमिल कर सकता है।
नियामक प्राधिकरण ने दी चेतावनी
नियामक प्राधिकरण (PEMRA) ने आगे उपग्रह चैनलों को सतर्क रहने को कहा है। इसके साथ ही न्यायपालिका और सशस्त्र बलों सहित किसी भी राज्य संस्थान के खिलाफ अपने मंच के माध्यम से दुर्भावनापूर्ण, अप्रिय या अपमानजनक सामग्री प्रसारित करने से रोकने की चेतावनी दी डाली है। पीइएमआरए ने कहा कि जानबूझकर/अनजाने में उल्लंघन करने वाले टीवी चैनलों पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।
आपको बता दें कि रविवार को पाकिस्तान फेडरल यूनियन आफ जर्नलिस्ट्स (पीएफयूजे) द्वारा सरकार से देश में मीडिया की स्वतंत्रता को प्रभावित करने वाले 'काले कानूनों' को रद्द करने और PEMRA की पूर्ण स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के बाद यह यह निर्देश जारी किया गया है। रेगुलेटरी अथारिटी ने कहा कि सरकार को मीडिया हितधारकों के साथ सार्थक बातचीत शुरू करनी चाहिए। पाकिस्तानी अखबार डान की रिपोर्ट के अनुसार, तीन दिवसीय बैठक के समापन सत्र में इन मांगों को स्वीकार किया गया है।


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