जेलेंस्की को मारने की तीन बार नाकाम कोशिश, यूक्रेन के टॉप अफसर का दावा
चाहे रूस का कमांडो दस्ता हो, चाहे चेचन आर्मी के लड़ाके हो, इस वक्त सिर्फ और सिर्फ जेलेंस्की को सरगर्मी से तलाश रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि कीव में दाखिल हुए किलर दस्ते को बकायदा एक हिट लिस्ट दी गई हैं, हिटलिस्ट में जेलेंस्की समेत 24 टॉप अफसरों के नाम लिखे हुए हैं. टाइम्स ऑफ लंदन की रिपोर्ट के मुताबिक 24 फरवरी से लेकर अबतक जेलेंस्की को मारने की तीन नाकाम कोशिश की जा चुकी हैं. यानी जेलेंस्की पर तीन बार हमला हुआ.
यूक्रेन के टॉप अफसर ने एक इंटरव्यू में हत्या की साजिश का बड़ा आरोप लगाया हैं. दावा यही है कि जेलेंस्की पर तीन बार हुए हमले में 2 अलग-अलग गुट शामिल रहे, जिन्हें हत्या की सुपारी दी गई थी. अब सवाल हैं कि जेलेंस्की कहां हैं? एक दिन पहले ही अमेरिका की तरफ से जेलेंस्की को कीव छोड़ने की सलाह दी गई थी, ऐसे में अब सवाल यही बनता है कि क्या अमेरिका की सलाह पर जेलेंस्की ने कीव छोड़ दिया या जेलेंस्की अभी भी कीव में मौजूद हैं, इसे लेकर बड़ा सस्पेंस है.
हालांकि इसी बीच यूक्रेन की पार्लियामेंट ने दावा करते हुए कहा है कि राष्ट्रपति जेलेंस्की अभी भी कीव में ही हैं. इसी बीच ऐसी भी ख़बरें सामने आ रही थीं कि जेलेंस्की यूक्रेन छोड़ पोलैंड के लिए रवाना हो चुके हैं. लेकिन अब यूक्रेन पार्लियामेंट के दावे के बाद एक बार फिर जेलेंस्की के गायब होने की चर्चाओं को विराम लगता हुआ मालूम होता है.
न्यूक्लियर पावर प्लांट पर रूस का कब्जा
इसी बीच जेपोरिजिया न्यूक्लियर पावर प्लांट पर रूस के कब्ज़े से पूरे यूरोप में हड़कंप मच गया है. बता दें कि जेपोरिजिया न्यूक्लियर प्लांट में 6 रिएक्टर्स हैं, जो पूरे यूरोप में सबसे बड़ा और पृथ्वी पर 9वां सबसे बड़ा रिएक्टर माना जाता है. रूस ने इस न्यूक्लियर प्लांट पर हमला करने के बाद कब्ज़ा कर लिया है. इसके बाद से अमेरिका से लेकर यूरोप तक बड़ी हलचल पैदा हो गई है. वहीं ब्रिटेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की इमरजेंसी मीटिंग बुला ली है. बताया जा रहा है कि रूसी हमले में प्लांट की एक यूनिट के रिएक्टर कंपार्टमेंट को नुकसान पहुंचा है. न्यूक्लियर प्लांट पर हमले से सबसे ज़्यादा रेडिएशन निकलने का खतरा रहता है. ऐसे में अब यूरोप इसलिए डर रहा है क्योंकि जेपोरिजिया में 6 रिएक्टर्स हैं, जबकि 1986 में चेर्नोबिल में एक ही न्यूक्लियर रिएक्टर ने तबाही मचा दी थी. एक न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक इस हादसे में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर 93 हज़ार लोगों की मौत हुई थी.
कहा जा रहा है कि अगर जेपोरिजिया न्यूक्लियर प्लांट में धमाका हुआ तो चेर्नोबिल से 10 गुना बड़ा हादसा होगा. इस तरह से जोपोरिजिया न्यूक्लियर प्लांट बड़ी तबाही ला सकता है. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की कह रहे हैं कि यूक्रेन में 15 न्यूक्लियर रिएक्टर्स हैं, अगर न्यूक्लियर धमाका होगा तो सबका अंत होगा, पूरा यूरोप खत्म हो जाएगा.
मौजूदा समय में जेपोरिजिया, साउथ यूक्रेन, खेमलेनटिस्की, रिवने में एक्टिव न्यूक्लियर प्लांट हैं. रूस की सेना बंद पड़े चेर्नोबिल न्यूक्लियर पावर प्लांट पर पहले ही कब्ज़ा कर चुकी है. जेपोरिजिया पर हमले के बाद से इंटरनेशनल एटोमिक एनर्जी एजेंसी यानी IAEA भी अलर्ट पर है, हालांकि इस एजेंसी का कहना है कि यूक्रेन में अभी कोई रेडिएशन नहीं हुआ है.