विश्व
चीन की अर्थव्यवस्था पर खतरा : रीयल एस्टेट पर आए नए कानून की वजह से नुकसान झेलना पड़ा
Shiddhant Shriwas
18 Oct 2021 4:43 AM GMT
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कोरोना वायरस महामारी से उबरी चीन की अर्थव्यवस्था एक बार फिर डूब गई है. ताजा रिपोर्ट के मुताबिक नई तिमाही में चीन की आर्थिक तरक्की पर पूरी तरह से फुलस्टॉप लग गया है.
Economy of China: कोरोना वायरस महामारी से उबरी चीन की अर्थव्यवस्था एक बार फिर डूब गई है. ताजा रिपोर्ट के मुताबिक नई तिमाही में चीन की आर्थिक तरक्की पर पूरी तरह से फुलस्टॉप लग गया है. बताया जा रहा है कि निर्माण कार्यों पर आई मंदी और ऊर्जा के प्रयोग पर लगाई गई पाबंदी की वजह से चीन की आर्थिक तरक्की पर विराम लग गया.
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था सितंबर के महीने के अंत तक 4.9 फीसदी की दर से ही आगे बढ़ सकी है. जबकि इससे पहले ये आंकड़ा 7.9 फीसदी तक पर था. सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों में इस बात की जानकारी मिली है. फैक्ट्री प्रोडक्शन, रिटेल बिक्री और कंस्ट्रक्शन में निवेश की वजह से चीन इतना तगड़ा झटका झेलने पर मजबूर हुआ है.
रियल एस्टेट के लिए नया नियम
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की तरफ से उम्मीद जताई गई थी कि ये आंकड़ा 5.2 फीसदी तक रहेगा. मगर चीन की अर्थव्यवस्था इस आंकड़ें को भी छूने में नाकाम रही है.सितंबर महीने में इंडस्ट्रीयल प्रोडक्शन 3.1 फीसदी ही बढ़ सका जबकि उम्मीद 4.5 फीसदी की थी.
चीन में कंस्ट्रक्शन वो उद्योग है जो लाखों लोगों को नौकरियां मुहैया कराता है. इस क्षेत्र में पिछले वर्ष सरकार की तरफ से कई तरह के नियंत्रण लगाए गए थे और इसकी वजह से इस पर खासा असर पड़ा है.चीन की तरफ से कर्ज पर कंपनियों की निर्भरता कम करने के लिए हाल में एक नया कानून लागू किया गया है. इसका असर ये हुआ है कि देश की दूसरी सबसे बड़ी रियल एस्टेट डेवेलपमेन्ट कंपनी एवरग्रैंड दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गई.
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर प्रभावित
इसके अलावा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर भी सितंबर महीने में खासा प्रभाव देखा गया है. कई प्रांतों में पावर कट की वजह से लक्ष्य हासिल करने में असफलता मिली है. बिजली संकट के कारण देश के कई इलाकों में फैक्ट्रियों को काम रोकना पड़ रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि चीन, ग्लोबल सप्लाई चेन का अहम हिस्सा है और बिजली संकट का हल जल्द न खोजा गया तो अर्थव्यवस्था के लिए हालात और बुरे हो सकते हैं.
निजी सेक्टर्स की तरफ से भी आशंका जताई गई है कि उनकी वृद्धि उस हिसाब से नहीं हो सकी है जिसकी कल्पना की गई थी. हालांकि उन्हें उम्मीद है कि वो करीब 8 फीसदी की दर हासिल कर सकते हैं.
चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी विभाग की तरफ से सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बारे में आधिकारिक बयान जारी किया गया है. विभाग के प्रवक्ता फू लिंगहुई ने केहा, 'तीसरी तिमाही में जबसे अर्थव्यवस्था पहुंची है तब से ही घरेलू और विदेशी खतरे और चुनौतियां काफी बढ़ गई हैं.'
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