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धमकी : भारत ने सेना भेजी तो अच्छा नहीं होगा, विकास कार्यों को भी सराहा

Subhi
15 Aug 2021 1:29 AM GMT
धमकी : भारत ने सेना भेजी तो अच्छा नहीं होगा, विकास कार्यों को भी सराहा
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अफगानिस्तान में 19 प्रांतों पर कब्जा कर तेजी से काबुल की तरफ बढ़ रहे तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल शाहीन ने एक तरफ देश में भारत द्वारा कराए गए विकास कार्यों की सराहना की है और दूसरी तरफ उसे धमकी भी दी है।

अफगानिस्तान में 19 प्रांतों पर कब्जा कर तेजी से काबुल की तरफ बढ़ रहे तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल शाहीन ने एक तरफ देश में भारत द्वारा कराए गए विकास कार्यों की सराहना की है और दूसरी तरफ उसे धमकी भी दी है।

शाहीन ने कहा, देश के बांध और बुनियादी ढांचागत कार्यों में भारत के सहयोग की प्रशंसा करते हुए धमकाया कि यदि भारत ने अफगानिस्तान में सेना भेजी तो अच्छा नहीं होगा।

तालिबान प्रवक्ता ने कहा, हम अफगानिस्तान में किए गए हर काम की सराहना करते हैं। यह देश के विकास, पुनर्निर्माण और लोगों के लिए आर्थिक समृद्धि के लिए है। भारत पहले भी अफगानों की मदद करता रहा है।

इसी साक्षात्कार में जब उनसे पूछा गया कि क्या तालिबान भारत को आश्वस्त कर सकता है कि उसके खिलाफ अफगान की धरती का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा? तो शाहीन ने कहा कि हमारी एक सामान्य नीति है कि हम किसी को भी पड़ोसी देशों सहित किसी भी देश के खिलाफ अफगान धरती का उपयोग करने की अनुमति नहीं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

शाहीन ने धमकी भरे लहजे में कहा, यदि वे (भारत) सैन्य रूप से अफगानिस्तान आते हैं और उनकी मौजूदगी होती है, तो मुझे लगता है कि यह उनके लिए अच्छा नहीं होगा। उन्होंने अन्य देशों के सेना का हश्र देखा है, इसलिए यह उनके (भारत) लिए एक खुली किताब है।

भारत नहीं देगा मान्यता

भारत का रुख स्पष्ट रहा है कि वह अफगानिस्तान में ताकत के बल पर बनी सरकार को मान्यता नहीं देगा। भारत के अलावा जर्मनी, कतर, तुर्की और कई अन्य देशों ने अफगानिस्तान में हिंसा और हमले तुरंत रोकने की अपील की है। ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, अमेरिका और कई देश पहले ही अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने पर उसे मान्यता नहीं देने की बात कह चुके हैं।

दूतावासों, राजनयिकों को निशाना नहीं बनाएंगे : तालिबान

तालिबान के प्रवक्ता ने पूरी दुनिया को यह भरोसा दिलाया है कि उसके लड़ाके किसी भी दूतावास और देश में मौजूद राजदूतों को निशाना नहीं बनाएंगे। मोहम्मद सुहैल शाहीन ने यह बात विभिन्न देशों द्वारा दूतावासों को खाली कराने और अपने राजनयिकों को वापस बुलाने जैसी खबरों के बीच कही है। शाहीन ने कहा, दूतावासों या राजनयिकों को हमसे कोई खतरा नहीं है और यह हमारी प्रतिबद्धता है।


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