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हजारों रोहिंग्या शरणार्थियों ने बांग्लादेश में किया विरोध प्रदर्शन, पुलिस पर फेंके पत्थर

Apurva Srivastav
31 May 2021 6:36 PM GMT
हजारों रोहिंग्या शरणार्थियों ने बांग्लादेश में किया विरोध प्रदर्शन, पुलिस पर फेंके पत्थर
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म्यांमार से जान बचाकर भागे हजारों रोहिंग्या शरणार्थियों ने सोमवार को बांग्लादेश सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है

म्यांमार से जान बचाकर भागे हजारों रोहिंग्या शरणार्थियों ने सोमवार को बांग्लादेश सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है. इन लोगों का कहना है कि इन्हें कैप्स से निकालकर एक ऐसे द्वीप पर भेजा गया है, जहां रहने के लिए स्थितियां ठीक नहीं हैं (Rohingya Protest). इस बात की जानकारी पुलिस ने दी है (Bhashan Char Bangladesh). दरअसल लाखों की संख्या में रोहिंग्या शरणार्थी बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में रहते हैं. कॉक्स बाजार के कैप्स में जरूरत से ज्यादा भरे हुए शरणार्थियों को सरकार ने भासन चार द्वीप पर भेज दिया था. सरकार ने एक लाख लोगों को यहां लाने की योजना बनाई है, दिसंबर के बाद से 18 हजार लोग यहां आ गए हैं.

ये जमीन का वो टुकड़ा है, जो समुद्र के बीच स्थित है (Bhashan Char Island Location). रोहिंग्याओं में ज्यादातर म्यांमार की सेना से 2017 में अपनी जान बचाकर आए थे. संयुक्त राष्ट्र ने म्यांमार की सेना के हमलों को 'नस्लीय नरसंहार' करार दिया था. पुलिस के अनुसार सोमवार को करीब 4 हजार लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया है. साथ ही मांग की है कि संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के अधिकारियों को यहां का दौरा करना चाहिए. स्थानीय पुलिस अध्यक्ष आलमगीर हुसैन ने कहा, 'यहां रहने वाले रोहिंग्या अनियंत्रित हो गए हैं (Bhashan Char Rohingya Camp). आज UNHCR के प्रतिनिधि हेलिकॉप्टर से आए.'
प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की
पुलिस अधिकारी ने बताया, 'उन्होंने पत्थर फेंकते हुए गोदामों के शीशे तोड़ दिए. वो पुलिस स्टेशन तक आ गए, उनकी सिर्फ एक ही मांग है कि वह यहां नहीं रहना चाहते.' एक रोहिंग्या शरणार्थी ने समाचार एजेंसी एएफपी से बात करते हुए कहा कि हां पुलिस पर ईंट फेंकी गईं, क्योंकि वह हमें उस इमारत में प्रवेश करने से रोक रही थी, जहां संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी मौजूद थे (Bhashan Char Island in Hindi). बंगाल की खाड़ी में कहीं स्थित इस द्वीप पर दिसंबर में पहली बार भारी संख्या में लोग लाए गए थे.
मारपीट का आरोप लगाया
एएफपी के अनुसार रोहिंग्याओं का कहना है कि उन्हें पीटा जाता है और यहां से कहीं और जाने को लेकर धमकाया जाता है. इस तरह के दावों पर मानवाधिकार समूह प्रतिक्रिया देते हैं (Bhashan Char Island Bangladesh). लेकिन बांग्लादेश की सरकार इन्हें खारिज करती है. सरकार का कहना है कि ये द्वीप पूरी तरह सुरक्षित है और यहां रहने की स्थिति कॉक्स बाजार के कैप्स से कहीं बेहतर है. हालांकि मामले में संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि वह इस प्रक्रिया में शामिल नहीं है.


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