विश्व
बांग्लादेश में बढ़ रहा हिंदुओं पर अत्याचार, सड़कों पर उतरे हत्याओं और दुष्कर्म की घटनाओं के विरोध में हजारों लोग
Renuka Sahu
24 July 2022 2:55 AM GMT
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फाइल फोटो
बांग्लादेश में हिंदू शिक्षकों की लगातार हो रही हत्याओं और हिंदू महिलाओं से दुष्कर्म की घटनाओं के विरोध में चटगांव में हिंदू समुदाय के लोगों ने जुलूस निकालकर विरोध व्यक्त किया।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बांग्लादेश में हिंदू शिक्षकों की लगातार हो रही हत्याओं और हिंदू महिलाओं से दुष्कर्म की घटनाओं के विरोध में चटगांव में हिंदू समुदाय के लोगों ने जुलूस निकालकर विरोध व्यक्त किया। जुलूस में शामिल लोगों ने नारेबाजी करते हुए घटनाएं रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाने और दोषियों को दंडित करने की मांग की। स्थानीय अखबार हिंदू संगबद के अनुसार शाहबाग और पूरे देश के हिंदू संगठनों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर नरैल साहापाड़ा में हिंदुओं पर हो रहे हमलों पर विरोध जताया।
बांग्लादेश के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने की निंदा
इससे पहले बांग्लादेश के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने साहापाड़ा की हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि पंथनिरपेक्ष देश में इस तरह घटनाएं स्वीकार नहीं की जा सकतीं। आयोग ने गृह मंत्रालय को आदेश दिया है कि वह हिंसा की घटनाओं की जांच कराए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करे। बीती 15 जुलाई को साहापाड़ा में चुन-चुनकर हिंदू समुदाय के लोगों के घर जलाए गए थे। एक फेसबुक पोस्ट के खिलाफ बने माहौल में शुक्रवार की नमाज के बाद यह हिंसा हुई थी।
नहीं हुई हमलावरों की गिरफ्तारी
बता दें कि पुलिस ने शुक्रवार को स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए आकाश के पिता अशोक साहा को हिरासत में लिया था। जबकि वे आकाश के खिलाफ डिजिटल सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने की तैयारी कर रहे थे। डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, अभी तक किसी भी हमलावर को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
आरोपियों ने हिंदुओं को बनाया निशाना
स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह पोस्ट गांव के 18 वर्षीय कालेज के छात्र आकाश साहा ने किया था। डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदर्शनकारी जुमे की नमाज के बाद एकत्र हुए और छात्र की गिरफ्तारी की मांग को लेकर उसके घर के सामने विरोध प्रदर्शन किया। हिंसा की शिकार लोगों में से एक दीपाली रानी साहा ने बर्बरता की घटनाओं को साझा किया। उन्होंने बताया कि एक समूह ने हमारा सारा कीमती सामान लूट लिया। वहीं, दूसरा समूह आया और हमारा दरवाजा खुला पाया, लेकिन लूटने के लिए कुछ नहीं बचा तो उन्होंने हमारे घर में आग लगा दी।
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