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ग्वादर की मुख्य सड़कों पर निकाला मार्च, महिलाओं और बच्चों सहित हजारों लोगों शामिल
Ritisha Jaiswal
11 Dec 2021 5:15 PM GMT
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बलोचिस्तान के ग्वादर में अधिकारों के लिए शुरू किए गए आंदोलन में लोगों की भागीदारी बढ़ती जा रही है।
बलोचिस्तान के ग्वादर में अधिकारों के लिए शुरू किए गए आंदोलन में लोगों की भागीदारी बढ़ती जा रही है। अब विरोध-प्रदर्शन में महिलाएं और बच्चे भी भाग ले रहे हैं। 10 दिसंबर को महिलाओं और बच्चों सहित हजारों लोगों ने ग्वादर की मुख्य सड़कों पर मार्च निकाला है जमात-ए-इस्लामी के बलोचिस्तान महासचिव मौलाना हिदायत-उर-रहमान के नेतृत्व में ग्वादर के लोगों ने 26 दिन पहले 'ग्वादर को हक दो' आंदोलन शुरू किया था। अपनी मांगों के समर्थन में लोगों ने तख्तियां और बैनर लेकर सेरातुन-नबी चौक से अपना मार्च शुरू किया। लोगों ने बलोचिस्तान और पाकिस्तान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है।
प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि वह तब तक संघर्ष और विरोध जारी रखेंगे जब तक कि हमें हमारे अधिकार न मिल जाएं। मौलाना हिदायत ने कहा है कि यह आंदोलन बलोचिस्तान के वंचित और उत्पीड़ित लोगों का आंदोलन है जिसमें मछुआरे, गरीब मजदूर और छात्र शामिल हैं। आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि उनकी सभी मांगों को स्वीकार और लागू नहीं किया जाता है।
तो ग्वादर के लोगों की मांग क्या हैं?
ग्वादर में हजारों बलोच लोग 26 दिनों से लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। ये लोग ग्वादर के विकास के साथ ही साफ पानी की मांग कर रहे हैं। विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि 70 साल से अधिक बीत जाने के बाद भी हमें हमारे अधिकार नहीं दिए हैं। प्रदर्शनकारियों ने 19 मांगें रखी हैं, जिसमें समुद्र को ट्रॉलर माफिया से मुक्त करने के लिए कदम उठाना और मछुआरों को स्वतंत्र रूप से पानी में जाने की इजाजत देना शामिल है।
प्रदर्शनकारियों ने अनावश्यक चेक पोस्ट से छुटकारा पाने और सुरक्षा के नाम पर नागरिकों का अपमान नहीं करने की भी मांग रखी है। उन्होंने यह भी मांग की है कि ग्वादर में सभी शराब की दुकानों को बंद कर दी जाए। मांगों में यह भी कहा गया है कि चाइना ओवरसीज पोर्ट होल्डिंग कंपनी द्वारा नियोजित अधिकांश लोग ग्वादर के बाहर के हैं। ऐसे में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाए।
Ritisha Jaiswal
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