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ढांका । बांग्लादेश में पिछले 9 महीने में डेंगू के कारण 1,017 लोगों की मौत हो चुकी है। अलजजीरा के मुताबिक, मौत का आंकड़ा पिछले साल के तुलना में 4 गुणा ज्यादा है। साल 2000 में के बाद इस साल बांग्लादेश में डेंगू से सबसे ज्यादा लोगों की जान गई है। वहीं, अब तक कुल 2 लाख 9 हजार लोग इसके चपेट में आए है। मरने वालों में 112 बच्चे ऐसे हैं जिनकी उम्र 15 साल के नीचे है।
बांग्लादेश के अस्पतालों में मरीजों को इलाज के लिए मिलना भी मुश्किल हो गया है। ढाका के शहीद सुहरावर्दी हॉस्पिटल के डॉक्टर मोहम्मद रफीकुल इस्लाम ने कहा- अस्पताल में भर्ती होने वाले ज्यादातर मरीज डेंगू से दूसरी, तीसरे और चौथी बार संक्रमित हो रहे हैं। इसी कारण इनकी हालात ज्यादा गंभीर हो गई है। कई मरने की कगार पर होते हैं। बहुत से लोग हमारे पास तब आते हैं जब बीमारी को काफी समय हो चुका होता है। इसका इलाज करना और भी मुश्किल हो जाता है।
बांग्लादेश में साल 1960 से डेंगू के मामले दर्ज किए जा रहे हैं। साल 2000 में बांग्लादेश में इसे महामारी के तौर पर दर्ज किया गया था। डेंगू का वायरस अब बांग्लादेशियों के लिए आम वायरस हो चुका है। हर साल यह वायरस और भी घातक होता है। अधिकारियों के मुताबिक, मामलों में बढ़ोतरी ने सरकार को जागरूकता अभियान को तेज करने के लिए प्रेरित किया है। इसमें बारिश के बाद मच्छरों के लार्वा को मारने कि जागरूकता भी की जाती है। हालांकि, जहांगीर नगर यूनिवर्सिटी के कीट विज्ञानी और जू लॉजी के प्रोफेसर कबीरुल बशर ने कहा- सही और अच्छी प्लानिंग की कमी के चलते डेंगू फैलाने वाले मच्छर को पूरे बांग्लादेश में फैलने का मौका मिला है। साल 2000 से 2018 तक डेंगू केवल ढाका तक ही सीमित था। लेकिन 2019 से डेंगू के मरीज दूसरे शहरों से भी सामने आ रहे है। ग्रामीण इलाकों में भी डेंगू फैलाने वाले मच्छर पहुंच गए हैं।
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