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कुवैत में नूपुर शर्मा का विरोध करने वालों को मिली सज़ा! वापस अपने देश भेजे जाएंगे

Neha Dani
13 Jun 2022 9:04 AM GMT
कुवैत में नूपुर शर्मा का विरोध करने वालों को मिली सज़ा! वापस अपने देश भेजे जाएंगे
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भारतीय राजदूत ने कहा कि बीजेपी के निलंबित प्रवक्‍ताओं का बयान भारत सरकार की राय नहीं है।

कुवैत सिटी: नूपुर शर्मा पर खाड़ी देशों में भारी विरोध के बाद भारत की निंदा करने वाले कुवैत ने अब पैगंबर विवाद में अपने देश में प्रदर्शन कर रहे प्रवासी प्रदर्शनकारियों को अरेस्‍ट करके निकालने का फैसला किया है। कुवैत ने कहा है कि पैगंबर को लेकर नूपुर शर्मा के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले सभी प्रदर्शनकारियों को निकालने जा रहा है। कुवैत का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन करके देश के कानूनों और नियमों का उल्‍लंघन किया है। एक तरफ कुवैत जहां प्रदर्शन करने पर सख्‍त ऐक्‍शन ले रहा है, वहीं भारत में यूपी से लेकर बंगाल हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। भारत में उपद्रवियों के खिलाफ सरकारी ऐक्‍शन का विरोध किया जा रहा है।

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अरब टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक कुवैत के कानून के मुताबिक कुवैत में बड़ी संख्‍या में भारतीय और पाकिस्‍तानी काम करते हैं और प्रवासियों का कुवैत में प्रदर्शन करना पूरी तरह से बैन है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुवैत के अधिकारी प्रदर्शन करने वाले प्रवासियों को गिरफ्तार करने की प्रक्रिया में हैं और उन्‍हें इसके बाद डिपोर्टेशन सेंटर में भेजा जाएगा जहां से उन्‍हें उनके देश भेज दिया जाएगा। यही नहीं ये लोग अब दोबारा कभी कुवैत आ भी नहीं पाएंगे।
प्रवास‍ियों की गिरफ्तारी शुरू, वापस भेज नजीर पेश करेगा कुवैत
कुवैत के अधिकारियों का कहना है कि सभी प्रवासियों को कुवैत के कानून का सम्‍मान करना ही होगा और उन्‍हें किसी भी प्रकार के प्रदर्शन से दूर रहना होगा। इस बीच रिपोर्ट में किन-किन देशों के नागरिक थे, इसका खुलासा नहीं हुआ है। इन लोगों ने फहहील इलाके में प्रदर्शन किया था और नूपुर शर्मा के खिलाफ नारेबाजी की थी। इस घटना के कथित वीडियो में नजर आ रहा है कि 40 से ज्‍यादा लोग नूपुर शर्मा के खिलाफ विरोध में नारे लगा रहे हैं। बताया जा रहा है कि इन प्रदर्शनकारियों में भारतीयों के अलावा पाकिस्‍तानी और बांग्‍लादेशी भी शामिल थे।
कुवैत के प्रशासन ने कहा कि वे इस कार्रवाई के जरिए एक उदाहरण पेश करना चाहते हैं ताकि भविष्‍य में कोई भी प्रवासी कामगार इस तरह की गतिविधि में शाम‍िल न होने पाए। बताया जा रहा है कि कुवैत की सरकार अपने नागरिकों के खिलाफ भी ऐक्‍शन ले सकती है जो इस प्रदर्शन में शामिल हुए थे। बता दें कि कुवैत खाड़ी देशों में भारत के सबसे पुराने भागीदारों में से एक है। कुवैत के शाही परिवार का भारत के साथ ऐतिहासिक संबंध रहा है। कोरोना लहर के दौरान कुवैत ने भारत को बड़े पैमाने पर मेडिकल ऑक्‍सीजन की सप्‍लाइ की थी।
कुवैत ने नूपुर के बयान पर भारत से दर्ज कराया था व‍िरोध
इससे पहले नूपुर शर्मा के बयान पर खाड़ी देशों में जोरदार विरोध हुआ था। इसके बाद कुवैत ने भारतीय राजदूत को तलब किया था और इस नूपुर शर्मा की टिप्‍पणी का विरोध किया था। भारत सरकार ने नूपुर के बयानों को खारिज कर दिया था और बताया कि जिन लोगों ने ये टिप्‍पणी की थी, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की गई है। भारत ने यह भी कहा कि कुछ लोग भारत-कुवैत संबंधों में दरार डालना चाहते हैं, इसी वजह से लोगों को भड़का रहे हैं। भारतीय राजदूत ने कहा कि बीजेपी के निलंबित प्रवक्‍ताओं का बयान भारत सरकार की राय नहीं है।

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