कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए फिजी की सरकार (Fiji Government) ने सख्त कदम उठाए हैं. फिजी में महामारी से बाहर निकलने के लिए प्रधानमंत्री फ्रैंक बेनीमरामा ने 'नो जैब, नो जॉब्स' का नया नारा देते हुए देश के सामने एक प्लान रखा है. बेनीमरामा ने कहा है कि वैक्सीन (Vaccine) नहीं लगवाने वालों को नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि कोरोना से बचने के लिए टीका लगवाना जरूरी है और जो इससे इनकार करता है उससे सख्ती से निपटा जाएगा. दरअसल देश में डेल्टा वैरियंट दस्तक दे चुका है और इससे दुनिया डरी हुई है.
प्रधानमंत्री फ्रैंक बैनीमारामा ने कहा कि 15 अगस्त तक वैक्सीन का पहला डोज नहीं लगवाने वाले सरकारी कर्मियों को छुट्टी पर भेज दिया जाएगा और एक नवंबर तक दूसरा डोज नहीं लगवाने पर उन्हें फिर बर्खास्त कर दिया जाएगा. सरकार ने कंपनियों से कहा है कि वैक्सीनेशन के प्रति गंभीरता दिखाएं, वरना उन्हें भारी जुर्माना भरना पड़ेगा. निजी कर्मचारियों के लिए डेडलाइन एक अगस्त निर्धारित की गई है.
कर्मचारियों के अलावा फिजी की सरकार ने कंपनियों को भी चेतावनी दी है. सरकार ने उन कंपनियों को बंद करने की धमकी दी है, जिनके अधिकांश कर्मचारियों ने अभी तक वैक्सीन नहीं लगवाई है. इस संदर्भ में गुरुवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि, 'नो जैब, नो जॉब्स, विज्ञान हमें बताता है कि कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन कितना जरूरी है. अब सरकार इसके आधार पर नीति तैयार कर रही है. टीका नहीं लगवाने वालों को नौकरी से हाथ धोने के लिए तैयार रहना चाहिए.'
फिजी में कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर गहरा दबाव डाला है और अर्थव्यवस्था को तहस-नहस कर दिया है. देश की सरकार बेरोजगार लोगों को खेती करने के लिए औजार और नकद की पेशकश कर रही है. प्रशांत देश में महामारी के पहले साल में कोई खास असर नहीं पड़ा था और सिर्फ दो मौतें हुई थीं. मगर दो महीने पहले वायरस के डेल्टा स्वरूप ने कहर बरपाया है. देश की अर्थव्यवस्था पिछले साल ही 19 फीसदी तक सिकुड़ गई है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय सैलानियों ने आना बंद कर दिया था. मुल्क में करीब आधी नौकरियां पर्यटन क्षेत्र से संबंधित हैं और फिजी अपने सफेद बालू के समुद्र तटों आदि के लिए जाना जाता है.