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लेकिन सरकार ने एक ही झटके में सब कुछ भुला दिया'.
ब्रिटेन (Britain) के 30,000 से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मियों की नौकरी का आज आखिरी दिन है. कल से वे बेरोजगार हो जाएंगे. दरअसल, ये वे स्वास्थ्य कर्मी हैं, जिन्होंने अभी तक कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) नहीं लगवाई है. इसके अलावा, उन केयर होम कर्मियों को भी काम पर आने से रोक दिया गया है. जिन्होंने केवल एक ही डोज लगवाई है. सरकार का कहना है कि उसने मरीजों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया है.
सरकार ने दिया ये तर्क
'द सन' की रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) के आंकड़े बताते हैं कुल 34,000 फ्रंट लाइन वर्कर्स को काम से हटाने की तैयारी पूरी हो गई है. इनमें ऐसे स्वास्थ्य कर्मी भी शामिल हैं, जिन्होंने मेडिकल कारणों का हवाला देते हुए वैक्सीन लगवाने से इनकार कर दिया था. स्वास्थ्य सचिव साजिद जाविद (Sajid Javid) ने कहा कि हमने यह कदम मरीजों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया है. उन्हें सुरक्षित करना हमारा कर्तव्य है.
Deadline बढ़ाने की मांग ठुकराई
सरकार ने कल स्वास्थ्य कर्मियों (Health Workers) की उस मांग को मानने से इनकार कर दिया था, जिसमें वैक्सीनेशन की डेडलाइन को बढ़ाकर अप्रैल करने की बात कही गई थी. वहीं, एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसे वक्त में जब कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं, सरकार के इस फैसले से सर्दियों में मेडिकल स्टाफ की भारी कमी देखने को मिल सकती है.
'सरकार ने हमें धोखा दिया'
बोरिस जॉनसन सरकार के इस फैसले से हेल्थ वर्कर्स बेहद नाराज हैं. हाल ही में वैक्सीन नहीं लगवाने पर अपनी नौकरी गंवाने वालीं डेव केली (Dave Kelly) ने कहा कि सरकार ने उन सैकड़ों स्वास्थ्य कर्मियों को धोखा दिया है, जो कोरोना की शुरुआत में बिना किसी सुरक्षा के लोगों की जान बचाते रहे. केली ने कहा, 'वो फ्रंट लाइन वर्कर्स ही थे, जिन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए कोरोना पीड़ितों का इलाज किया. लेकिन सरकार ने एक ही झटके में सब कुछ भुला दिया'.
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