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दुष्कर्म के दोषियों को अब बांग्लादेश में दी जाएगी सजा-ए-मौत, शेख हसीना कैबिनेट ने दी विधेयक को मंजूरी

Neha Dani
13 Oct 2020 4:04 AM GMT
दुष्कर्म के दोषियों को अब बांग्लादेश में दी जाएगी सजा-ए-मौत, शेख हसीना कैबिनेट ने दी विधेयक को मंजूरी
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बांग्लादेश के कैबिनेट ने सोमवार को रेप (Rape and Murder) के मामलों में अधिकतम सजा के बतौर फांसी देना तय किया है.

बांग्लादेश के कैबिनेट ने सोमवार को रेप (Rape and Murder) के मामलों में अधिकतम सजा के बतौर फांसी देना तय किया है. बांग्लादेश सरकार (Bangladesh Government) ने पिछले दिनों हुई एक बलात्कार की घटना पर देश में कोहराम मचने के बाद यह फैसला लेने जा रही है कि रेप के मामलों में उम्र की सजा बढ़ाकर फांसी दी जा सकती है. सरकार के प्रवक्ता खांडाकर अनवरूल इस्लाम ने कहा कि राष्ट्रपति अब्दुल हामिद ने एक अध्यादेश जारी कर महिला और बच्चों के उत्पीड़न रोकने (Women and Children Repression Prevention Act) संबंधी नियमों में बदलाव करने जा रहे हैं. राष्ट्रपति को इस बारे अध्यादेश लाने की जरूरत इसलिए पड़ रही क्योंकि इस समय संसद सत्र नहीं चल रहा है.

बलात्कार के मामलों की सुनवाई जल्दी होगी पूरी: सरकार

प्रवक्ता अनवरूल इस्लाम ने कहा कि अभी नियमों में क्या-क्या बदलाव किए गए हैं, इस बारे में पूरी जानकारी नहीं मिली है लेकिन इस बात पर सरकार सहमत हो गई है कि रेप के मामलों का स्पीड ट्रायल हो. उन्होंने बताया कि वर्तमान कानून में रेप के मामलों में अपराधियों को अधिकतम सजा के बतौर उम्रकैद ही मिलती है. वर्तमान कानून में यदि रेप पीड़िता मर जाती है तो अपराधियों को मौत की सजा दी जा सकती है.

आज होगा अध्यादेश जारी

बांग्लादेश के कानून मंत्री अनीसुल हक ने कहा कि उम्मीद है कि राष्ट्रपति मंगलवार को इस बारे में अध्यादेश जारी करेंगे. दरअसल बांग्लादेश में एक सप्ताह के अंदर कई हिंसक वारदातों से भरपूर बलात्कार के मामले सामने आए. इसके बाद देश की राजधानी ढाका में लोगों ने जमकर आंदोलन किया और सरकारी विरोधी नारे लगाए.

बांग्लादेश के मानवाधिकार संगठन समूह ने कहा कि देश में बलात्कार की घटनाएं बहुत तेजी से बढ़ रही है. महिला मानवाधिकार संगठन ऐन ओ सालिश केंद्र का कहना है कि जनवरी से अगस्त के बीच देश में 889 ​महिलाओं का बलात्कार हुआ है, इनमें से 41 बलात्कार की शिकार हुई महिलाओं की मौत हो गई. इन महिलाओं की मौत बलात्कार के दौरान रेपिस्टों ने हिंसा भी की थी. संगठन का कहना है कि बहुत सी बलात्कार की घटनाएं दबंग लोगों के उत्पीड़न के डर से पुलिस में रिपोर्ट ही नहीं की जाती है. वहीं दूसरी ओर बांग्लादेश की न्याय व्यवस्था इन मामलों के निपटारे में सालों लगा देती है.

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