Stag Beetle यानी एक खास प्रजाति का कीड़ा आपको आसानी से नहीं दिखता. जिसको दिखता है उसे इसके बारे में पता नहीं होता. इसकी खासियत ये है कि कही बोली लग जाए तो ये आपको रातों रात करोड़पति बना सकता है.
दुनिया में बहुत ही कम लोग ऐसे हैं जो ऐसे अजीबोगरीब कीड़े को पालते हैं पर जब कीड़े की कीमत एक करोड़ रुपये हो तो शायद इसे पालने के लिए कोई भी व्यक्ति तैयार हो जाएगा. स्टैग बीटल भी एक ऐसा ही कीड़ा है जिसे लोग पालते हैं यह पृथ्वी पर पाया जाने वाला सबसे बड़ा बीटल है जो लगभग साड़े 8 सेंटीमीटर तक बढ़ सकते हैं. लोग इसे खरीदने के लिए एक करोड़ तक देने को तैयार हैं. इस कीड़े से कई प्रकार की दवाइयां बनाई जाती है.
अधिकांश स्टैग बीटल (Stag Beetal) एक वयस्क के रूप में उभरने के बाद केवल कुछ हफ्तों तक रहते हैं, सर्दियों के दौरान कई मर जाते हैं. कुछ जीवित रह सकते हैं अगर वे कहीं और अच्छे और गर्म रहते हैं, जैसे खाद का ढेर. स्टैग बीटल में एक लंबा जीवन चक्र होता है, जो अंडे से वयस्क होने तक करीब 7 साल तक रहता है. कई देशों में इस जीवों को पर्यावरण मंत्रालय की विलुप्त होने वाली प्रजातियों की सूची में रखा गया है.
पश्चिमी देशों की रिपोर्ट के मुताबिक इस कीड़े की कीमत किसी लग्जरी कार या आलीशान फ्लैट से भी ज्यादा है. स्टैग बीटल (Stag Beetal) दुनिया का सबसे दुर्लभ प्रजाति वाला जीव है जो महज 2 से 3 इंच तक के आकार का होता है. स्टैग बीटल पृथ्वी पर मौजूद सबसे छोटे अजीब और दुर्लभ प्रजातियों में से एक है. धरती पर मौजूद इस दुर्लभ कीड़े को पलने में लोग लाखों खर्च करने से भी गुरेज नहीं करते. ये कीड़ा इतना दुर्लभ है कि मार्केट में ब्लैक में खरीदने पर इसकी कीमत लाखों में पहुंच जाती है.
ये देखने में बेहद अजीब सा लगता है, इस वजह से कई लोग इसे देखना नहीं चाहते. लेकिन जैसे ही इसकी खासियत पता चलती है तो लोग 50 लाख से लेकर एक करोड़ रुपये तक देने को तैयार हो जाते हैं. Yahoo Japan का कहना है कि वो अपनी ऑक्शन साइट पर इस स्टैग बीटल समेत कई विलुप्तप्राय कीड़ों और अन्य जानवरों की करीब 4000 प्रजातियों की सेल पर बैन लगा रहा है. फर्म का कहना है कि उसका ये प्रतिबंध इस महीने के आखिरी हफ्ते यानी 29 सितंबर से प्रभावी होगा. इसमें यह दुनिया का सबसे महंगा कीड़ा स्टैग बीटल और ओमुरासाकी तितली भी शामिल हैं. इस ऑक्सन साइट पर स्तनधारियों, पक्षियों और सरीसृपों से जुड़े लेनदेन पर पहले से प्रतिबंध है. याहू जापान का कहना है कि उसने इस उपाय को लागू करने का फैसला किया क्योंकि ऐसी नीलामियों की वजह से संरक्षित प्रजातियों पर खतरा और बढ़ गया है.