अब तक देखे गए सबसे सक्रिय धूमकेतुओं में से एक 14 जुलाई को पृथ्वी के सबसे करीब पहुंच जाएगा. इस धूमकेतु का नाम C/2017 K2 (PANSTARRS) यानी कि K2 रखा गया है. इसे पहली बार 2017 में देखा गया था, जो अब धरती की तरफ बढ़ रहा है. आइए जानते हैं कि इससे पृथ्वी को कितना खतरा है.
2017 में पहली बार देखा गया
स्पेसडॉटकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, इस धूमकेतु को 2017 में जब पहली बार देखा गया था तो इसे K2 नाम दिया गया था. जब यह 14 जुलाई को हमारे ग्रह के सबसे करीब पहुंच जाएगा, उस समय धूमकेतु पृथ्वी से लगभग 168 मिलियन मील (270 मिलियन किलोमीटर) दूर होगा.
ऑनलाइन देख सकेंगे
लोग शाम 6:15 बजे से इसे वर्चुअल टेलीस्कोप प्रोजेक्ट के लाइव वेबकास्ट में ट्यून करके ऑनलाइन देख सकेंगे. यह धूमकेतु पिछले पांच वर्षों से लगातार पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है. धूमकेतु, जो ज्यादातर जमी हुई गैसों, चट्टान और धूल से बने होते हैं, सूर्य के निकट आते ही सक्रिय हो जाते हैं. सूर्य की गर्मी धूमकेतु को बहुत जल्दी गर्म करता है, जिससे इसकी ठोस बर्फ सीधे गैस में बदल जाती है और धूमकेतु के चारों ओर एक बादल बन जाता है, जिसे कोमा के रूप में जाना जाता है.
पहले से ही सक्रिय था ये धूमकेतु
दिलचस्प बात यह है कि K2 पहले से ही सक्रिय था, जब इसे पहली बार 2017 में शनि और यूरेनस की कक्षाओं के बीच खोजा गया था, जो सूर्य से लगभग 1.49 बिलियन मील (2.4 बिलियन किमी) दूर है. बताया जा रहा है कि इस धूमकेतु में एक विशाल कोमा था. जबकि कनाडा-फ्रांस-हवाई टेलीस्कोप (CFHT) ने सुझाव दिया कि K2 का नाभिक 18 से 100 मील (30 से 160 किमी) चौड़ा हो सकता है.
लगातार सौर मंडल की तरफ बढ़ रहा
जैसे-जैसे यह धूमकेतु सौर मंडल की ओर बढ़ रहा है, यह और भी तेज होता जा रहा है. 14 जुलाई को यह धूमकेतु के 8 या 7 की तीव्रता तक चमकने की उम्मीद है, जो दुर्भाग्य से, देखने के लिए अभी भी बहुत मंद है.