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उदयपुर मर्डर के पाकिस्तानी कनेक्शन पर PAK का आया ये बयान, भारत पर भड़का

Renuka Sahu
30 Jun 2022 3:03 AM GMT
This statement of PAK came on the Pakistani connection of Udaipur Murder, flared up on India
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फाइल फोटो 

राजस्थान के उदयपुर में एक टेलर कन्हैयालाल की बर्बरता से हत्या के बाद चौतरफा इसकी आलोचना हो रही है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राजस्थान के उदयपुर में एक टेलर कन्हैयालाल की बर्बरता से हत्या के बाद चौतरफा इसकी आलोचना हो रही है। हत्या की जांच में अब तक जो खुलासे हुए हैं उसमें पाकिस्तान लिंक भी सामने आया है। घटना को अंजाम देने वाले दो आरोपियों का कनेक्शन काराची बेस्ड सुन्नी इस्लामिक संगठन दावत-ए-इस्लामी से है। अब इस मामले में पाकिस्तान की तरफ से आधिकारिक बयान भी सामने आया है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में बताया गया है कि हमने भारतीय मीडिया में उदयपुर में हत्या के मामले की जांच के बारे में रिपोर्ट देखी है, जिसमें आरोपी व्यक्तियों को पाकिस्तान में एक संगठन से जोड़ने की कोशिश की जा रही है और पाकिस्तान को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है।
इतना ही नहीं बयान में यह भी कहा गया कि हम इन आरोपों को खारिज करते हैं। हालांकि पाकिस्तान ने अपने बयान में दावत ए इस्लामी का नाम नहीं लिया। इस बयान के साथ पाकिस्तान की तरफ से भाजपा और आरएसएस के साथ हिंदुत्व पर भी निशाना साधा गया। पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि इस तरह के प्रयास भारत या विदेशों में लोगों को गुमराह करने में सफल नहीं होंगे।
पाकिस्तान का बयान ऐसे समय में आया है जब उदयपुर मर्डर के दोनों आरोपियों से अब तक हुई पूछताछ में खुलासा किया है कि वे सुन्नी इस्लाम के सूफी बरेलवी पंथ से जुड़े हुए हैं। इन्होंने काराची में मौजूद संगठन दावत-ए-इस्लामी से संबंध भी स्वीकार किया है। आतंकरोधी अभियान के अधिकारियों के मुताबिक, इस बात की भी जांच की जा रही है कि क्या इनका भारत में मौजूद दूसरे कट्टरपंथी सुन्नी संगठनों और 'मुस्लिम ब्रदरहुड' से भी लिंक है।
दोनों आरोपियों के खिलाफ यूएपीए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है और केस को एनआईए के हवाले किया गया है। बता दें कि घटना को अंजाम देने के बाद उदयपुर से भागे आरोपियों को राजस्थान पुलिस ने राजसमंद जिले में नाका लगाकर दबोचा। दोनों आरोपी अजमेर शरीफ दरगाह की ओर बढ़ रहे थे और वहां एक अन्य वीडियो शूट करने वाले थे। कन्हैया की हत्या के तुरंत बाद इन्होंने हमले और इसकी जिम्मेदारी लेते हुए वीडियो वॉट्सऐप ग्रुप के जरिए वायरल कर दिए थे।
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