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ब्रह्मांड में मौजूद महासागरों के नीचे छिपे एलियंस का पता लगाएगी NASA की ये खास 'मछली', समझें क्या है पूरा प्लान

Renuka Sahu
2 July 2022 5:01 AM GMT
This special fish of NASA will detect the aliens hidden under the oceans present in the universe, understand what is the whole plan
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फाइल फोटो 

दुनिया में अगर कोई सबसे बड़ा सवाल है, तो वो ये है कि क्या इस ब्रह्मांड में हम अकेले हैं?

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दुनिया में अगर कोई सबसे बड़ा सवाल है, तो वो ये है कि क्या इस ब्रह्मांड में हम अकेले हैं? क्या पृथ्वी के अलावा, ब्रह्मांड के किसी अन्य ग्रह पर जीवन है? क्या हमारे सौरमंडल के बाहर कहीं जीवन पनप रहा है? इंसान इस सवाल का जवाब ढूंढ़ने के लिए पिछले कई दशकों से अनेकों मिशन अंतरिक्ष (Space News) में भेज चुका है. मंगल ग्रह से लेकर शनि ग्रह तक स्पेस एक्सप्लोरेशन मिशन भेजे गए हैं. हालांकि, अभी तक एलियंस या किसी दूसरे ग्रह पर जीवन के ठोस सबूत नहीं मिल पाए हैं. लेकिन अब अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने एलियंस की तलाश के लिए तैरने वाले रोबोट्स तैयार करने का फैसला किया है.

NASA छोटे तैरने वाले रोबोट्स का एक झुंड तैयार कर रहा है. इन रोबोट्स को महासागरों से भरे ग्रहों पर भेजा जाएगा, ताकि पानी के नीचे एलियंस की तलाश हो सके. दरअसल, अमेरिकी स्पेस एजेंसी के एक एक्सपर्ट ने उन ग्रहों पर इन छोटे रोबोट्स को भेजने का आइडिया दिया है, जहां बर्फ की मोटी चादर के नीचे महासागर मौजूद हैं. इस प्लान का इस्तेमाल बृहस्पति ग्रह के चंद्रमा यूरोपा या शनि के चंद्रमा एन्सेलेडस के कई मील मोटी बर्फीली सतह के नीचे मौजूद महासागरों में एलियन लाइफ ढूंढ़ने के लिए किया जा सकता है. कहा जाता है कि यूरोपा और एन्सेलेडस चंद्रमा के नीचे मौजूद महासागरों में एलियंस मौजूद हो सकते हैं.
कैसे काम करेंगे ये छोटे रोबोट्स?
NASA इंजीनियर एथन शालेर ने बताया, 'मेरा आइडिया ये है कि इन छोटे रोबोट्स को कहां भेज सकते हैं और हम अपने सौर मंडल में एलियंस की खोज के लिए इनका किस तरह से यूज कर सकते हैं?' उन्होंने बताया, 'छोटे तैरने वाले रोबोट्स के झुंड के साथ हम समुद्र में एक बड़े एरिया में एलियंस का पता लगा सकेंगे. एक ही एरिया में कई सारे रोबोट्स द्वारा डेटा इकट्ठा करने से हमारे मेजरमेंट में भी सुधार हो सकता है.' इस अनोखे प्रोजेक्ट को SWIM (Sensing With Independent Micro-Swimmers) का नाम दिया गया है. एक बार फंडिंग मिलने पर एक टीम आने वाले दो सालों तक इन छोटे तैरने वाले रोबोट्स का प्रोटोटाइप बनाना शुरू कर देगी.
मछली की तरह पानी में तैरेंगे रोबोट्स
स्पेस एजेंसी का इरादा एक तिकोने आकार वाले रोबोट को बनाना है. तैरने वाले ये रोबोट्स 5 इंच लंबे और 3 से 5 क्यूबिक इंच वॉल्यूम वाले होंगे. लगभग 50 रोबोट्स को क्रायोबोट में पैक किया जाएगा. इसके बाद महासागरों में ये रोबोट्स सुराग खोजने वाली मछली की तरह एक साथ झुंड में तैरेंगे. मुख्य जहाज ज्यादातर मोटी बर्फ के नीचे होने वाली लंबी यात्रा के दौरान डेटा इकट्ठा करने के लिए किट ले जाएगा. बर्फ की सतह पर एक लैंडर भी मौजूद रहेगा, जो महासागर से मिलने वाले डेटा को पृथ्वी पर पहुंचाने का काम करेगा.
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