कई लोग ऐसे होते हैं, जो हमेशा उधेड़बुन में रहते हैं और कोई भी फैसला सही तरह से नहीं ले पाते। ऐसे लोगों को अनिर्णायक व्यक्ति माना जाता है जो हमेशा संशय में रहता है और किसी भी मसले पर कोई भी फैसला नहीं ले पाता। इसके मुकाबले, ऐसे लोगों को बेहद सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है, जो दृढ़ निश्चयी होते हैं, और किसी भी मसले पर तुरंत फैसला लेने की हिम्मत रखते हैं। लेकिन हाल ही में किए गए एक शोध में सामने आया है कि यह जरूरी नहीं है कि दृढ़ निश्चयी व्यक्ति जो फैसला ले, वो हमेशा सही साबित हो।
लंदन की कार्डिफ यूर्निवसिटी के मनोविज्ञान विभाग में अनुसंधान विज्ञानी वोज्शिएक जाजकोव्सकी ने एक शोध किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि दृढ़ निश्चयी व्यक्तियों के फैसले भी गलत हो सकते हैं। उन्होंने कहा, अपने शोध के प्रारंभिक चरण में निर्णायक और अनिर्णायक लोगों के बीच अंतर करने का एक विश्वसनीय तरीका ढूंढ रहा था। मेरी टीम ने एक्शन कंट्रोल स्केल का इस्तेमाल किया। इसमें एक प्रश्नावली का प्रयोग किया गया, जिसमें रोजमर्रा की पसंद और व्यवहार के बारे में हां या ना में जवाब देना था। उदाहरण के तौर पर, क्या आप किसी नए खेल को सीखते हुए जल्द बोर हो जाते हैं। यह पैमाना बता सकता है कि व्यक्ति क्रियाशील है या फिर उन्मुखी है। जो लोग क्रियाशील थे, वो एक्शन पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किए हुए थे। वे ज्यादा दृढ़ निश्चयी और लचीले होते हैं और विपरीत परिस्थितियों में अपना फैसला लागू करवाने की ज्यादा संभावना रखते हैं।
दूसरी तरफ, उन्मुख व्यक्ति का ज्यादा ध्यान भावनात्मक स्थिति पर होता है। वे अनिर्णायक होते हैं और अकसर अपनी पसंद और प्रतिबद्धताओं को बीच में ही छोड़ देते हैं।
वोज्शिएक जाजकोव्सकी ने कहा, 'हमने 723 प्रतिभागियों के एक समूह का सर्वेक्षण किया। हमने इस विशेष प्रयोग में 60 बेहद क्रियाशील और 60 बेहद उन्मुख लोगों को शामिल किया। इन प्रतिभागियों को एक बेहद ही कम जोखिम वाले संज्ञानात्मक टास्क से गुजरना पड़ा। उदाहरण के तौर पर हमने उनकी सरल धारणा और वरीयता का परीक्षण किया। जैसे कि हवा में बिंदू दाएं और बाएं घूम रहे हैं। इसके अलावा, दो में से कौन सा स्नैक्स आप खाएंगे। हमने दो समूह के बीच निम्नलिखित संज्ञानात्मक प्रक्रियाओं की तुलना की।
इसके तहत, जैसे आप कितनी तेजी से नई जानकारियों को प्राप्त करते हैं, किसी पंसदीदा चीज को पाने के लिए उसके बारे में कितना जानने की जरूरत है, पहले से प्राप्त जानकारी से आपकी पसंद कितनी प्रभावित होती है, आप अपनी पसंद की श्रेष्ठता का कितना सही आकलन कर पाते हैं और आप अपने फैसले को लेकर कितना आश्वस्त हैं।
इस प्रयोग का यह निकला नतीजा
शोधकर्ताओं ने कहा कि पूरे प्रयोग के तहत दोनों ग्रुपों में सिर्फ एक अंतर यह रहा कि क्रियाशील लोग अपनी पसंद को लेकर ज्यादा आत्मविश्वासी और आश्वस्त थे। सटीकता, गति, सतर्कता, पूर्वाग्रह और संवेदनशीलता में कोई भी अंतर नहीं था। किसी भी तरह से बेहतर, तेज और सटीक नहीं होने के बावजूद क्रियाशील ग्रुप ज्यादा आश्वस्त था। निश्चित तौर पर यह कभी-कभी ज्यादा अत्याधिक और कमजोर महसूस करने वाला लग सकता है, जब आप यह फैसला भी नहीं कर पाएं कि आपको लंच क्या लेना है। निर्णय नहीं लेने की क्षमता हमें हमारे लक्ष्य को हासिल करने में बाधक बन सकती है।
उदाहरण के तौर पर, व्यायाम तब काफी मुश्किल बन जाता है, जब हम खुद के बारे में दूसरे अनुमान लगाने लग जाते हैं और जान-बूझकर बिस्तर पर पड़े रहते हैं। लेकिन शोध यह कहता है कि अनिर्णायक लोग फैसले लेने में बदतर भी नहीं होते। किसी भी चुनाव के बारे में थोड़ा कम आश्वस्त होने से परिणाम प्रभावित नहीं हो सकते। हालांकि यह भविष्य को प्रभावित कर सकता है। वहीं, उन्मुख लोग चीजों के चुनाव को लेकर कम आश्वस्त होते हैं, जो लक्ष्यों का पीछा करने में एक बड़ी चुनौती बनता है। यह आसानी से देखा जा सकता है कि परीक्षा की तैयारी और नया कौशल सीखने की कला जैसी चीजों से यह कैसे संबंधित होती है। यदि आपको इस बात को लेकर कम आत्मविश्वास है कि आप सार्थक प्रगति कर रहे हैं तो यह आपको हतोत्साहित कर सकती है।