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इस शख्स को सांपों से है इतना प्यार कि करता है ये काम, गोद में रखकर करता है सफाई

jantaserishta.com
5 Dec 2020 4:23 AM GMT
इस शख्स को सांपों से है इतना प्यार कि करता है ये काम, गोद में रखकर करता है सफाई
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आमतौर पर लोगों को पालतू जानवरों से प्यार होता है लेकिन क्या कभी ये सुना है कि किसी को अजगर और कोबरा जैसे सांपों से प्यार है. जी हां यह सच है. म्यांमार के यंगून में बौद्ध भिक्षु विलेथा सिकटा ने ठुका टेटो मठ में अजगर, वाइपर और कोबरा सहित सांपों के लिए एक आश्रय स्थल बनाया है. 69 वर्षीय भिक्षु ने ऐसा इन जहरीले सांपों को बचाने के लिए किया है ताकि इन्हें कोई मार ना सके या फिर काला बाजार में बेच ना दे.

सांपों को शरण देने की शुरूआत उन्होंने पांच साल पहले की थी. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक वहां के निवासियों के अलावा, सरकारी एजेंसियां ​​भी भिक्षुओं के पकड़े सांपों को बाद में उनसे लेकर जंगल में छोड़ देती है. अपने भगवा गमछा का उपयोग करके सांपों की सफाई करने वाले विलेथा ने कहा कि वह प्राकृतिक पारिस्थितिक चक्र की रक्षा कर रहे हैं.
विलेथा ने कहा, "एक बार जब लोग सांपों को पकड़ लेते हैं, तो वे संभवतः एक खरीदार को खोजने की कोशिश करते हैं." रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार भिक्षुओं को सांपों को खिलाने के लिए आवश्यक लगभग 300 अमरीकी डॉलर के लिए दान पर निर्भर रहना पड़ता है. विलेथा सांपों को शरण में तब तक रखते हैं जब तक उन्हें लगता है कि वो जंगल वापस जाने के लिए तैयार नहीं हैं.
हाल ही में, विलेथा ने हलावा नेशनल पार्क में कई सांपों को छोड़ा था और कहा कि वह उन्हें धीरे-धीरे स्वतंत्रता में देखकर खुश हैं. विलेथा ने रॉयटर्स को बताया कि अगर वे फिर से पकड़े गए तो वो चिंतित हो जाएंगे. उन्होंने कहा "वे बुरे लोगों द्वारा पकड़े जाने पर काला बाजार में बेच दिए जाएंगे,"
हालांकि, एक निश्चित समय के बाद सांपों को जंगल में छोड़ना लाजिमी है, क्योंकि वन्यजीव संरक्षण समिति के एक सदस्य, कलियर प्लाट ने कहा, "आम तौर पर, लोगों के करीब रहने से सांपों में तनाव पैदा होता है." संरक्षणवादियों के अनुसार, म्यांमार अवैध वन्यजीव व्यापार में एक वैश्विक केंद्र बन गया है, जिसमें अक्सर चीन और थाईलैंड जैसे पड़ोसी देशों में तस्करी होती है.

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