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मकान बनाने के लिए फ्री में मिल रही यह जमान, ये शर्त पूरी करना जरूरी

Neha Dani
22 Oct 2021 2:08 AM GMT
मकान बनाने के लिए फ्री में मिल रही यह जमान, ये शर्त पूरी करना जरूरी
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राज्य के इस क्षेत्र में पशुपालन और भेड़पालन से जुड़ी नौकरियों को भरने में बाधा का सामना करना पड़ रहा है.

कैनबरा: अपना घर बनाने के लिए जमीन खरीदना तमाम लोगों के लिए जीवन का बड़ा काम होता है. कई बार लोगों को बजट की कमी के चलते इस सपने को पूरा करने के लिए संघर्ष भी करना पड़ता है लेकिन यदि घर बनाने के लिए किसी को मुफ्त में ही जमीन मिल जाए तो? वो भी सरकार की तरफ से. जी हां, यकीन करना भले ही मुश्किल है लेकिन ये बात 100 फीसदी सच है. हालांकि ये स्कीम भारत में नहीं बल्कि ऑस्ट्रेलिया में है.

यहां मिल रहा फ्री में प्लॉट
ऑस्ट्रेलिया में एक शहर है किल्पी, इस शहर में मात्र 800 लोगों की आबादी है. यहां बसने के इच्छुक लोगों के लिए सरकार की तरफ से खास स्कीम शुरू की गई है. सरकार की तरफ से ऐसे लोग किल्पी में अपना घर बनाकर रहना चाहते हैं, उन्हें फ्री में जमीन देने की योजना लाई गई है. सरकार की ये स्कीम लोगों को खूब भा रही है. कई लोग स्थानीय प्रशासन से इस बाबत जानकारी मांग रहे हैं.
भारत के लोग भी दिखा रहे इंटरेस्ट
किल्पी के स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक इस स्कीम के लॉन्च होते ही कई लोग इसके बारे में जानकारी मांग रहे हैं. स्कीम लॉन्च होने के दो सप्ताह से भी कम समय में समूचे ऑस्ट्रेलिया और विदेश से भी 250 से अधिक लोगों ने इस बारे में जानकारी ली है. अधिकारियों ने बताया कि फ्री जमीन मिलने के बारे में ब्रिटेन, हांककांग, न्यूजीलैंड से लेकर भारत के लोगों ने भी पूछताछ की है.
किसे मिलेगी जमीन?
फ्री जमीन पाने के लिए भले ही तमाम देशों के लोग जानकारी मांग रहे हों लेकिन इनका ये सपना इस स्कीम के तहत पूरा नहीं होने वाला. असल में इस स्कीम के तहत बाहर के लोगों को लाभ नहीं मिलेगा. बल्कि इसके लिए किसी व्यक्ति का ऑस्ट्रेलियाई नागरिक होना या इसका स्थाई निवासी होना आवश्यक है.
क्यों दी जा रही फ्री जमीन?
ऑस्ट्रेलिया के क्विल्पी शहर में आबादी काफी कम है. 800 लोगों की आबादी वाले इस दूरादराज के क्षेत्र में सरकार चाहती है कि और लोग भी बसें. यानी कि क्विल्पी शाइर परिषद ने नगर में आबादी की कमी को दूर करने के लिए इस तरह की पेशकश की है क्योंकि जनसंख्या की कमी की वजह से पश्चिमी क्वींसलैंड राज्य के इस क्षेत्र में पशुपालन और भेड़पालन से जुड़ी नौकरियों को भरने में बाधा का सामना करना पड़ रहा है.


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