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इनमें से 95 फीसदी गर्भपात गर्भावस्था के पहले 12-14 हफ्तों में होते हैं।
न्यूजीलैंड में गर्भपात का सामना करने वाले जोड़ों को अब तीन दिन का सवैतनिक अवकाश (पैड लीव) दिया जाएगा। हाल ही में वहां इस विधेयक को संसद ने मंजूरी दी है और जल्द यह कानून का रूप ले लेगा। इसके तहत गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय गर्भपात (मिसकैरेज) होने पर कर्मचारी यह अवकाश ले सकेंगे। हालांकि, यह कानून अबॉर्शन की स्थिति में लागू नहीं होगा।
गर्भ गिरने जैसी दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थिति से मां-बाप को उबरने के लिए उठाया प्रगतिशील कदम
वैसे, देश में इससे पहले भी गर्भपात में पेड लीव का प्रावधान था पर वह 20 हफ्ते या उससे ऊपर की गर्भवास्था में ही दिया जाता था। संसद में विधेयक पारित होने पर न्यूजीलैंड की श्रम मंत्री गिन्नी एंडरसन ने कहा, गर्भपात जैसी दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थिति से मां-बाप को उबरने के लिए थोड़ा समय चाहिए होता है।
नए प्रावधान के बाद वे अधिकारपूर्वक अवकाश ले सकेंगे। खासतौर पर इससे महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ेगा। यह कानून उन सभी अभिभावकों पर भी लागू होगा, जिनकी बच्चा गोद लेने या सरोगेसी से बच्चा करने की योजना है।
12 हजार गर्भपात
कॉलेज ऑफ मिडवाइव्ज के आंकड़ों को देखें तो 50 लाख की आबादी वाले न्यूजीलैंड को हर साल 5,900 से लेकर 11,800 गर्भपात का सामना करना पड़ रहा है। इनमें से 95 फीसदी गर्भपात गर्भावस्था के पहले 12-14 हफ्तों में होते हैं।
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