
x
न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: गांव का जिक्र होते ही जेहन में कच्चे मकान, झोपड़ी, कच्ची सड़कों आदि की तस्वीरें याद आती हैं. हालांकि, हालात काफी बदले हैं लेकिन फिर भी अधिकांश गांवों की दशा अभी भी बहुत अच्छी नहीं है. ऐसे में जब कोई कहे कि एक ऐसा भी गांव है, जहां लोगों की इनकम लाखों में है और सभी आलीशान मकानों में रहते हैं, तो यकीन करना थोड़ा मुश्किल होता है. इतना ही नहीं इस गांव ने कई बड़ी मेट्रो सिटीज को भी पीछे छोड़ दिया है.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं चीन के Jiangsu Province में स्थित Huaxi गांव की. कुछ समय पहले तक इस गांव को चीन का Richest Village कहा जाता था. इसके पीछे की वजह Huaxi गांव में मौजूद सुख-सुविधाओं की भरमार है. इस गांव के सामने बड़े से बड़ा शहर भी फीका लगने लगता है. वहीं बात अगर यहां के लोगों की सैलरी/इनकम की करें, तो वो किसी को भी चौंका सकती है.
'डेली मेल' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस गांव के 2,000 निवासियों में से प्रत्येक के पास बैंक में एक मिलियन युआन (1 करोड़ 10 लाख रुपये) से अधिक है. यहां हर कोई एक विला में रहता है और लक्जरी कार का मालिक है.
Huaxi गांव को कभी 'समाजवादी अर्थव्यवस्था' के आदर्श उदाहरण के रूप में दर्शाया गया था. समृद्धि और विलासिता की वजह से इस गांव को 'चीन का सबसे अमीर गांव' के रूप में जाना जाता था, भले ही इसका 'विकास मॉडल' हमेशा से विवादों में रहा हो.
इस गांव में रहने वाले लगभग हर शख्स की सालाना इनकम 15 लाख रुपये के करीब थी, जो चीन में एक किसान की औसत आय का लगभग 40 गुना है. अपनी आर्थिक ताकत दिखाने के लिए इस गांव ने 2011 में अपनी गगनचुंबी इमारत बनाने में तीन अरब युआन (33 अरब से अधिक) खर्च किए थे. यहां बनी 72 मंजिला एक बिल्डिंग को Huaxi का हैंगिंग विलेज कहा जाता है. इस गांव में दर्जनों गगनचुंबी इमारतें हैं.
वैसे तो Huaxi एक कृषि प्रधान गांव है. लेकिन यहां के किसानों ने एक ऐसा आइडिया अपनाया, जिसके कारण इस गांव को 'दुनिया के सबसे अमीर गांवों' में भी गिना जाने लगा. चीनी मीडिया के अनुसार, जब गांव को 60 के दशक में बसाया गया था, तब ये इतना विकसित नहीं था. लेकिन बाद में कम्युनिस्ट पार्टी के नेता वू रेनवाओ ने इस गांव की सूरत ही बदल दी.
यहां का हर किसान टुकड़ों के बजाय ग्रुप में खेती करने लगा. सामूहिक खेती की वजह से लोगों को जबरदस्त फायदा हुआ. इसके अलावा Huaxi गांव ने अपने लौह और इस्पात उद्योग को विकसित किया. 21वीं सदी की शुरुआत तक, Huaxi में 100 से अधिक कंपनियां हो गईं, जिनमें लोहा, इस्पात, तंबाकू के कारोबार से जुड़ी कंपनियां शामिल थीं.
हालांकि, 2008 के बाद यहां के इस्पात उद्योग में गिरावट आई और अधिक उत्पादन एक समस्या बन गई. धीरे-धीरे ये समस्या बढ़ती गई. पिछले साल जनवरी में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, Huaxi गांव 465 करोड़ के कर्ज में आ गया था. 2013 में Huaxi के निर्माता वू रेनबाओ के निधन के बाद, उनके बेटे वू ज़िएन ने Huaxi ग्रुप के सीईओ के रूप में पदभार संभाला. वू परिवार के अन्य सदस्य भी इस गांव में महत्वपूर्ण पदों पर हैं. आलोचना करने वाले कहते हैं कि ये गांव अब 'एक परिवार द्वारा शासित एक सामंती दुनिया' बन गया है.
फिलहाल, Huaxi विलेज ग्रुप को आर्थिक मदद के लिए सरकारी सहायता दी जा रही है, लेकिन इसके बलबूते वो कब तक चलेगा, इसपर संशय बना हुआ है. सामूहिक धन के संदिग्ध कुप्रबंधन और खराब निवेश निर्णयों के बाद ये गांव दिवालिया होने की कगार पर आ गया है.

jantaserishta.com
Next Story