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ये है दुनिया का सबसे महंगा शहर…देखें Top 10 की लिस्ट

Gulabi
1 Dec 2021 12:32 PM GMT
ये है दुनिया का सबसे महंगा शहर…देखें Top 10 की लिस्ट
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दुनिया का सबसे महंगा शहर
दुनिया के सबसे महंगे शहर के बारे में सोचने पर आपके मन में कौन-से नाम आ सकते हैं? हो सकता है आपको लगता हो कि लंदन, पेरिस, न्यूयॉर्क, लॉस एंजिल्स, ज्यूरिख, सिंगापुर या कोई और दुनिया का सबसे महंगा शहर होगा! लेकिन ऐसा नहीं है. अगर आप भी सोचते हैं कि इस सवाल का जवाब इन्हीं में से कोई एक है तो आप गलत हैं.
दरअसल, दुनिया का सबसे महंगा शहर इजराइल में है, नाम है- तेल अवीव. विश्व के महंगे शहरों को लेकर इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (ईआईयू) की ओर से जारी आधिकारिक रैंकिंग में इस शहर ने पांच पायदान की छलांग लगाई है और पहली बार लिस्ट में टॉप रैंक हासिल किया है.
यहां सबसे महंगा है जीवन यापन
वर्ल्डवाइड कॉस्ट ऑफ लिविंग इंडेक्स 173 शहरों में वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों को अमेरिकी डॉलर में तुलना करके घोषित किया गया है. तेल अवीव, इजरायल का प्रमुख शहर है, जिसकी स्थापना यहूदी अप्रवासियों ने 1909 में की थी. बढ़ती महंगाई ने वैश्विक स्तर पर रहने की लागत को बढ़ा दिया है, जिसके चलते तेल अवीव जीवन यापन करने के लिए विश्व का सबसे महंगा शहर बन गया है. तेल अवीव की राष्ट्रीय मुद्रा शेकेल की मजबूती डॉलर के मुकाबले बढ़ने के साथ परिवहन और किराने के सामान की कीमतों में वृद्धि के कारण रैंकिंग में ऊपर चढ़ गया.
दूसरे स्थान पर पेरिस और सिंगापुर
दुनिया के सबसे महंगे शहरों की सूची में पेरिस और सिंगापुर संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर हैं. वहीं, इस सूची में पेरिस और सिंगापुर के बाद ज्यूरिख का स्थान है. पांचवे स्थान पर हांगकांग, छठे स्थान पर न्यूयॉर्क और सातवें स्थान पर जिनेवा शहर का नाम है. टॉप 10 महंगे शहरों की सूची में आठवें, नौंवे और 10वें स्थान पर क्रमश: कोपेनहैगेन, लॉस एंजेलिस और ओसाका शहर का नाम है.
यहां देखें किस देश का कौन-सा शहर कितने नंबर पर


2020 में पेरिस, ज्यूरिख और हांगकांग ​थे टॉप पर

सबसे महंगे शहरों की पिछले साल की रैंकिंग की बात करें तो 2020 में पेरिस, ज्यूरिख और हांगकांग संयुक्त रूप से इस सूची में पहले स्थान पर थे. लेकिन इस बार इजरायल के शहर तेल अवीव ने महंगे जीवन यापन की दृष्टि से सबको पछाड़ दिया. तेल अवीव में ​रहना सबसे महंगा है.
बता दें कि इस साल का डेटा अगस्त और सितंबर में एकत्र किया गया था क्योंकि माल और वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी हुई थी. आंकड़े दर्शाते हैं कि स्थानीय मुद्रा के संदर्भ में औसत कीमतों में 3.5 फीसदी बढ़ोतरी हुई. यह पिछले पांच वर्षों में दर्ज की गई सबसे तेज मुद्रास्फीति दर है.
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