इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद में पहली बार दो बड़े पदों को महिलाएं संभाल रही हैं. दुनिया की सबसे खतरनाक जासूसी एजेंसी ने गुरुवार को बयान जारी कर बताया कि 'अलफ' और 'कुफ' की जोड़ी एजेंसी के शीर्ष पदों पर काबिज हुई है. मोसाद ने पहली बार किसी महिला को डायरेक्टर ऑफ इंटेलिजेंस के पद पर तैनात किया है और ब्लर करके अलफ की एक तस्वीर में जारी की गई है ताकि एजेंट की सुरक्षा को किसी तरह का खतरा न हो सके. एजेंसी ने अपने बयान में कहा कि मोसाद में टॉप पोजिशन पर दो महिलाएं काबिज हैं जिनमें से दूसरी महिला कुफ पहले से ही ईरान डेस्क के हेड के तौर पर अपनी सेवाएं दे रही है.
महिला को मिला इंटेलिजेंस हेड का पद
'टाइम्स ऑफ इजरायल' की रिपोर्ट में कहा गया, प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के मुताबिक अलफ करीब 20 साल से मोसाद के लिए काम कर रही हैं लेकिन अब उनकी पोजिशन इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) के इंटेलिजेंस हेड के बराबर की होगी. वह ईरानी परमाणु कार्यक्रम और वैश्विक आतंकवाद जैसे अहम मुद्दों की जिम्मेदारी संभालेंगी. साथ ही कई राष्ट्रीय स्तर के मुद्दों पर पर खुफिया ऑपरेशन के लिए जिम्मेदार होंगी. इसके अलावा अलफ मोसाद के सभी खुफिया डाटा के लिए जिम्मेदार हैं और उन पर रिसर्च के साथ-साथ एजेंसी के लिए काम करने वाले सैकड़ों कर्मचारियों को मैनेज करने भी उन्हीं का काम रहेगा.
दो महीने पहले एक अवॉर्ड फंग्शन में बोलते हुए अलफ ने कहा था, 'मैं इस स्पेशल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल महिलाओं को डिफेंस सेक्टर में उनकी क्षमता और प्रभाव का एहसास करने के लिए करूंगा, ताकि वे समाज में अपनी पहचान बना सकें.' मोसाद की ईरान डेस्क की हेड कुफ पर ईरान से पैदा होने वाले खतरों के खिलाफ रणनीति तैयार करने का जिम्मा होगा. साथ ही वह आईडीएफ, सुरक्षा एजेंसियों और मोसाद के ऑपरेशन के बीच कॉर्डिनेशन का काम भी करेंगी.
पूर्व PM बेनेट ने किया स्वागत
इजरायल के पूर्व प्रधानमंत्री नेफ्टाली बेनेट ने दोनों महिलाओं की शीर्ष पदों पर नियुक्ति को बहुत बड़ा कदम बताते हुए इसकी तारीफ की है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि पिछले हफ्ते ही मैं उनसे एक अहम मीटिंग के दौरान मिला था और हमेशा की तरह मुझे लगा कि हमारे देश की सुरक्षा अच्छे हाथों में है. बेनेट ने आगे कहा कि उन दोनों को अपने कान और मोसाद को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी का पूरा एहसास है. प्रधानमंत्री का पद छोड़ने के बाद अब भी बेनेट ईरान से जुड़े मामलों को देख रहे हैं.
मोसाद के चीफ डेविड बार्निया ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि मोसाद में एंट्री करने पर यहां पुरुषों और महिलाओं के बीच किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाता है बल्कि उनकी काबिलियत को परखा जाता है. उन्होंने कहा कि मोसाद में कई ऐसी महिला एजेंट्स हैं जिन्होंने बड़ी भूमिकाओं में काम किया है और उनकी प्रतिभा, प्रोफेशनलिज्म और एनर्जी को एकजुट करना हमारी जिम्मेदारी है. बार्निया ने ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को मोसाद में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा कि एजेंसी के दरवाजे हमेशा पुरुषों और महिलाओं के लिए खुले हैं.