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रिसर्च के लिहाज से अहम है यह कब्र... 78 हजार साल है पुरानी

Ritisha Jaiswal
7 May 2021 10:16 AM GMT
रिसर्च के लिहाज से अहम है यह कब्र... 78 हजार साल है पुरानी
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वैसे तो पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस महामारी को झेल रही है और कई देश सख्‍त पाबंदियों में दिन गुजार रहे हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | वैसे तो पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस महामारी को झेल रही है और कई देश सख्‍त पाबंदियों में दिन गुजार रहे हैं. इसके चलते जरूरी सेवाओं को छोड़कर कई क्षेत्रों में कामकाज ठप पड़ा हुआ है. फिर भी कई जगहें ऐसी भी हैं, जहां रिसर्च जैसे काम लगातार चल रहे हैं. अफ्रीका में भी ऐसी ही खोजबीन के दौरान 78 हजार साल पुरानी कब्र मिली है.

बच्‍चे की है कब्र
केन्‍या तट के पास गुफा के अंदर मिली इस कब्र के साथ कुछ आभूषण और चढ़ावा भी मिला है. साथ ही इस जगह पर गेरुए रंग की मिट्टी से की गई नक्‍काशी भी मिली है. आज तक में छपी खबर के मुताबिक साइंस डेली ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि यह कब्र बच्‍चे की है. कब्र के साथ मिली चीजों को भी कफन में लपेटा गया था. इसमें एक तकिया जैसी चीज भी मिली है, जिसे लेकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस पर बच्‍चे के शव का सिर रखा गया होगा
मिट्टी से ढंक कर रखा गया था शव
बच्‍चे के शव को मिट्टी से ढंक कर रखा गया था. स्‍पेन के बुरगोस में स्थित नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन ह्यूमन इवॉल्‍यूशन की निदेशक मारिया मार्टिनोन टोरेस कहती हैं कि इससे ऐसा लगता है कि उस समुदाय के लोग अंतिम संस्‍कार करने की परंपरा को मानते थे. अब हम कंकाल की खोपड़ी और चेहरे के हिस्‍सों को अलग करके उन सभी की जांच कर रहे हैं. कब्र ममें रीढ़ की हड्डी और छाती को भी अच्‍छे से संरक्षित किया गया था.
रिसर्च के लिहाज से अहम है यह कब्र
इस कब्र के मिलने के बाद पुरातत्‍व विशेषज्ञ काफी उत्‍साहित हैं, क्‍योंकि इससे उन्‍हें कई नई जानकारियां मिलेंगी. खासकरके इससे यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि अफ्रीका में होमो सेपियंस आधुनिक इंसानों से कितने अलग हुआ करते थे.


Ritisha Jaiswal

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