18 मई 1993 को ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में रोजर वॉटसन और जूली वॉटसन के घर नन्ही सी बच्ची का जन्म हुआ. नाम रखा गया जैसिका वॉटसन (Jessica Watson). जी हां, ये वही देश है जो वॉटर स्पोर्ट्स के लिए पूरी दुनिया में फेमस है. जैसिका के माता-पिता घूमने फिरने के काफी शौकीन रहे हैं. इसलिए शुरू से ही वह बच्चों को अलग-अलग जगहों पर घुमाने ले जाते. जैसिका को घूमने फिरने के दौरान समुद्र से इतना लगाव हो गया कि महज 11 साल की उम्र में उसने सोच लिया था कि वह एक न एक दिन पूरी दुनिया के समुद्र का सफर अकेले तय करेगी.
लेकिन उसे ये भी अंदाजा था कि ऐसा करने के लिए उसे बहुत ज्यादा तैयारियों की जरूरत पड़ेगी. यहीं से जैसिका ने इसकी तैयारियां करना शुरू कर दिया. उसने समुद्र से जुड़ी हर एक चीज की जानकारियां जुटाईं. कैसे समुद्र में सर्वाइव किया जा सकता है. अगर आप अकेले समुद्र में फंस जाएं तो कैसे खुद को बचाएं. सब चीजों को वह बहुत ही गहराई से पढ़ती और सीखती.
फिर उसने अपनी पहली प्रैक्टिस शुरू की. उसने अकेले ही अपना पहला समुद्री ट्रिप शुरू किया. लेकिन इस छोटे से ट्रिप में उसका एक्सीडेंट हो गया. क्योंकि रात के समय वह एक बड़े कार्गो शिप को नहीं देख पाई जिसके कारण उसकी याच (yatch) कार्गो शिप से जा टकराई. बेशक उसे इस हादसे में उसे चोट आई. लेकिन बावजूद इसके उसका हौसला और ज्यादा बुलंद हो गया. इस हादसे से उसने सबसे बड़ा सबक ये सीखा कि अपनी याच को कैसे कंट्रोल किया जा सकता है. वह दोबारा ऐसे ही ट्रिप पर जाना चाहती थी. लेकिन इस हादसे के बाद सभी ने उसे चेतावनी दी कि उसे दोबारा ऐसी ट्रिप नहीं करनी चाहिए. क्योंकि अभी वह ऐसी ट्रिप के लिये तैयार नहीं है. लेकिन फिर भी जैसिका ने ठान लिया था कि वह दोबारा ऐसा ट्रिप करेगी, वो भी पूरी तैयारी के साथ. इसके बाद 16 साल की उम्र में उसने एक ऐसे ट्रिप का प्लान बनाया जो कि किसी को भी नामुमकिन लग रहा था. जब उसने इस ट्रिप के बारे में माता-पिता को बताया तो पहले उन्होंने उसका साथ नहीं दिया. लेकिन वे भी बाद में बेटी की जिद के आगे हार गए और उन्होंने ट्रिप पर भेजने के लिए हामी भर दी.
जैसिका ने अपना पूरा रूट तैयार कर लिया था. उसके प्लान के मुताबिक, वह पहले ऑस्ट्रेलिया से निकलते हुए न्यूजीलैंड, फिजी और किरिबाती होते हुए साउथ अफ्रीका पहुंचेगी. जिसके बाद वो एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया वापस लौटेगी. लेकिन इस ट्रिप के लिए उसे बहुत सारे पैसों की जरूरत थी. इसके लिए उसने स्पॉन्सर्स को ढूंढना शुरू किया. उसे जल्द ही स्पॉन्सर्स भी मिल गए. क्योंकि पुराने ट्रिप के कारण वह काफी हद तक फेमस हो चुकी थी. अब जैसिका के पास ट्रिप के लिए पैसा भी था और उसने अपनी एक याच भी तैयार कर ली थी. फिर दिन आया 18 अक्टूबर 2009 का. जैसिका ने 30 मीटर लंबी गुलाबी रंग की याच को समुद्र में उतारा. सभी को बाय-बाय करके वह समुद्री यात्रा पर निकल गई. शुरुआती कुछ दिन तो जैसिका के आराम से बीते. उसे लगा कि इस ट्रिप को जितना मुश्किल उसने सोच रखा था, यह उतना भी मुश्किल नहीं है. बोट पर उसका हर दिन आराम से बीत रहा था. वह इस दौरान अपनी वीडियो भी बनाती, फोटो लेती, स्कूल का काम करती, मछलियां पकड़ती, और अपनी एक डायरी में हर दिन की बात लिखती. इसके साथ ही वह बीच-बीच में बोट पर भी ध्यान रखती कि कहीं वह भटक न जाए.