अदालत का यह फैसला यूरोपीय संघ के साथ प्रभावित कर सकता है.पोलैंड का रिश्ता
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | संवैधानिक न्यायाधिकरण ने कहा कि वारसॉ के संवैधानिक कानूनों को ब्रसेल्स यानी यूरोपीय संघ के कानूनों पर प्राथमिकता है. अदालत का यह फैसला यूरोपीय संघ के साथ पोलैंड के संबंधों को प्रभावित कर सकता है.संवैधानिक ट्रिब्यूनल का फैसला पोलैंड के प्रधान मंत्री मातेउस मोरावित्स्की द्वारा यूरोपीय संघ के कोर्ट ऑफ जस्टिस यानी ईसीजे के एक निर्णय की समीक्षा का अनुरोध करने के बाद आया है, जिसने यूरोपीय संघ के कानून को राष्ट्रीय कानून पर प्राथमिकता दी थी. हालांकि इस पैनल में शामिल 14 जजों में से दो जज बहुमत की राय से असहमत थे. संवैधानिक ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में कहा, "यूरोपीय न्यायालय द्वारा पोलैंड के कानूनी तंत्र में हस्तक्षेप का प्रयास ऐसे नियमों का उल्लंघन करता है जो संविधान और नियमों को प्राथमिकता देते हैं और जो यूरोपीय एकीकरण की प्रक्रिया के बीच संप्रभुता का सम्मान करते हैं" यूरोपीय संघ संवैधानिक ट्रिब्यूनल को पोलैंड की सत्तारूढ़ कानून और न्याय पार्टी पीआईएस द्वारा वहां की न्यायपालिका पर डाले जा रहे राजनीतिक दबाव के कारण अवैध मानता है. कोर्ट में मामला किस बात पर अदालत ने विशेष रूप से यूरोपीय संघ की संधियों के प्रावधानों की पोलैंड के संविधान के साथ अनुकूलता पर विचार किया. इसका उपयोग यूरोपीय आयोग द्वारा सदस्य राज्यों में कानून के शासन की स्थिति पर नजर रखने के लिए किया जाता है. इसी साल मार्च में यूरोपीय अदालत के एक फैसले में कहा गया था कि यूरोपीय संघ, सदस्य राज्यों को संवैधानिक कानून सहित राष्ट्रीय कानून में कुछ प्रावधानों की अवहेलना करने के लिए मजबूर कर सकता है. ईसीजे का कहना है कि पोलैंड ने अपने सुप्रीम कोर्ट के सदस्यों की नियुक्ति के लिए हाल ही में जो प्रक्रिया अपनाई है वो यूरोपीय संघ के कानून का उल्लंघन है.